उत्तराखंड

इस युवा ने सौर ऊर्जा में स्वरोजगार का बनाया आधुनिक मॉडल..

इस युवा ने सौर ऊर्जा में स्वरोजगार का बनाया आधुनिक मॉडल..

उत्तराखंड: उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ स्थित इंद्रा टिपरी गांव में स्थानीय युवक आमोद पंवार ने आपदा को अवसर में बदला है। केदारनाथ आपदा में निम के प्रधानाचार्य कर्नल अजय कोठियाल की टीम के साथ बेहतरीन कार्य करने के बाद आामोद पंवार ने कोविड आपदा के दौर में सौर ऊर्जा का प्लांट स्थापित किया है, जो स्वरोजगार का आधुनिक मॉडल है।

 

 

 

इसमें 200 किलोवाट बिजली उत्पादन के साथ प्लांट क्षेत्र में सब्जी उत्पादन, मौन पालन, गाय पालन, मुर्गी पालन शुरू किया है। वर्तमान में चार से छह स्थानीय युवा प्लांट में रोजगार पा रहे हैं। आमोद पंवार का कहना है कि उनका उद्​देश्य गांव में बिजली उत्पादन के साथ एक ऐसा मॉडल तैयार करना है, जो स्वरोजगार के लिए एक खास उद्दाहरण बन सके।

 

लॉकडाउन से एक दिन पहले यानी 23 मार्च को आमोद पंवार का 200 किलोवाट का प्लांट ग्रिड से जुड़ा और उत्पादन शुरू हुआ। लॉकडाउन में जहां अधिकांश युवा अपने घरों को लौट रहे थे तो आमोद पंवार अपने घर गांव में सोलर प्लांट से अच्छा पैसा कमा रहे थे। सयंत्र स्थापित होने के बाद आमोद पंवार ने सौर ऊर्जा प्लेटों के नीचे और आसपास की बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने की ठानी।

आमोद पंवार ने प्लांट क्षेत्र में सब्जियों में गोभी, राई, मूली, बिन्स, सिमला मिर्च का उत्पादन करना शुरू किया। इसके अलावा प्लांट के पास गाय पालन, मुर्गी पालन और मौन पालन की योजना बनाई तथा इसका क्रियान्वयन करना भी शुरू किया। 30 सितंबर 2020 को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत भी आमोद पंवार के सौर ऊर्जा स्वरोजगार के मॉडल को देखने के लिए पहुंचे।

वहां सौर ऊर्जा प्लांट में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सब्जी उत्पादन, मौन पालन, गाय पालन, मुर्गी पालन को देखा तो उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला योजना के तहत ऐसे उद्यामियों को सब्जी उत्पादन, मौन पालन, गाय पालन, मुर्गी पालन के लिए प्रेरित किया जाए।

आमोद पंवार बताते हैं कि सोलर ऊर्जा संयत्र स्थापित करने के बाद उन्होंने सवा दो लाख यूनिट से अधिक यूनिट बिजली का उत्पादन हो चुका है। इस प्लांट से सालाना औसतन तीन लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होगा, यह बिजली अगले 25 सालों तक यूपीसीएल खरीदेगा। 4.38 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली की खरीद की जा रही है।

 

 

 

 

आमोद पंवार ने कहा कि पहाड़ में सबसे अधिक कमी भूमि की है। इसलिए जो प्रवासी युवा यहां सौर ऊर्जा के तहत स्वरोजगार करना चाहते हैं तथा उनके पर्याप्त भूमि नहीं है, वे 25 किलोवाट का सोलर प्लांट के लिए आवेदन करें। इसके लिए बैंक आसानी से ऋण भी उपलब्ध करा देंगे। साथ ही सौर ऊर्जा सयंत्र के अलावा युवा उद्यमी सब्जी उत्पादन, गाय पालन, मुर्गी पालन, मौन पालन कर सकते हैं। इससे युवाओं की अच्छी आमदनी होगी।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top