उत्तराखंड

मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय का महाझूठ भाग -2

जब मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय का रॉकेट हुआ फुस्स.

मंदिर समिति अध्यक्ष ने अपने स्वयं सेवक भाई की पदोन्नति तथा वेतन वृद्धि के लिए राकेट की तरह दौड़ाई फाइल।

अस्थायी कर्मचारियों के वेतन वृद्धि के मानक पूर्व समितियों के निर्णय थे।

महाझूठ बोलकर वेतनवृद्धि का बेवजह श्रेय ले रहे अजेंद्र अजय।

बद्रीनाथ मंदिर समिति पूजा काउंटर पर लाखों की चोरी का अभी तक नहीं हुआ खुलासा

 

 

 

 

 

 

 

 

 

देहरादून। बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष के झूठ दिन ब दिन उजागर हो रहे हैं। वे कभी पत्रकारों को कानूनी नोटिस भेज रहे हैं तो कभी प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को तक झूठे शिकायती पत्र देकर गुमराह कर रहे हैं। ताजा मामला अजेंद्र अजय का अस्थायी कर्मचारियों के वेतन वृद्धि का है, जिसका श्रेय अध्यक्ष अपनी छाती ठोक कर ले रहे हैं।

दरअसल, वर्ष 2008-09 में अनसुया प्रसाद भट्ट की अध्यक्षता वाली मंदिर समिति ने अस्थायी कर्मचारियों के वेतन बढ़ाने के मानक तय किए, जिसमें 5 वर्ष, 10 वर्ष, 15 वर्ष होने पर अस्थायी कर्मचारियों के 30 फीसदी वेतन वृद्धि का प्रस्ताव किया गया था। उसी आधार पर कुछ कर्मचारियों को लाभ मिल गया, मगर देवस्थानम बोर्ड बनने तथा कोरोना के कारण वेतन वृद्धि नहीं हो पायी। स्वाभाविक था कि 10-15 वर्षो से सेवारत कर्मचारियों की वेतन वृद्धि होनी थी। इसमें वर्तमान मंदिर समिति का दूर-दूर तक कोई योगदान नहीं है। इस तरह मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय का एक अन्य महाझूठ उजागर हुआ है।

मंदिर समिति अध्यक्ष दुंदुभी बजा रहे हैं कि उन्होंने कर्मचारियों की वेतन बढा दी तथा वेतन बढाने के लिए फाइल राकेट बन गयी। अस्थायी कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर यह बताया कि अजेंद्र अजय ने अपने स्वयं सेवक पद पर कार्यरत भाई को रातों-रात मानकों के विपरीत वेतन वृद्धि देने के लिए राकेट दाग दिया तथा रुद्रप्रयाग विश्रामगृह का मैनेजर बना दिया। अस्थायी कर्मचारियों ने मंदिर समिति अध्यक्ष के निर्णय का विरोध किया और ज्ञापन भेजा गया। तो तत्कालीन मुख्य कार्याधिकारी ने स्वीकार किया कि अध्यक्ष के भाई की वेतन वृद्धि नियम विरुद्ध थी। मुख्य कार्याधिकारी ने वेतन वृद्धि रद्द कर दी।

नियम विरुद्ध वेतन वृद्धि रद्द होने पर मंदिर समिति अध्यक्ष ने बयान दिया कि सब अस्थायी कर्मचारियों की वेतन वृद्धि रोक दी जायेगी, जिस पर अस्थायी कर्मचारियों में आक्रोश फैल गया। उन्होंने अंदरखाने बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर परिसर में अनशन का मन बना दिया। इसी बीच मंदिर समिति की कर्मचारी यूनियन का अध्यक्ष अपनी प्रोन्नति की बीज गणित में व्यस्त था। उन्होंने साफ कर दिया कि वर्तमान कर्मचारी संघ में अस्थायी कर्मचारी सदस्य नहीं हैं। मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय को बीच यात्राकाल में इस बात की भनक लग गयी कि अब वह अस्थायी कर्मचारियों से नहीं जीत पायेंगे तो मजबूरी में अस्थायी कर्मचारियों को बढा वेतन दे दिया गया। इससे यह हुआ अजेंद्र अजय का राॅकेट अपने लक्ष्य तक पहुंचने से पहले औंधे मुंह गिर गया और फुस्स हो गया।

फिर अजेंद्र अजय ने लड्डूवीर अधिशासी अभियंता के कहने पर अस्थायी कर्मचारियों के उत्पीड़न के लिए एक जांच कमेटी गठित कर दी। अब अस्थायी कर्मचारी भी आक्रोशित हैं। जल्द वह अलग यूनियन गठन का मन बना चुके हैं। अस्थायी कर्मचारियों ने बताया कि उत्पीड़न का विरोध किया जायेगा। इसके लिए अस्थायी कर्मचारी लगातार एक दूसरे के संपर्क में हैं। यूनियन का बायलाज तैयार है। कभी भी अस्थायी कर्मचारी संघ का ट्रेड यूनियन के तहत गठन हो सकता है। इतना ही नहीं इस यात्राकाल में बद्रीनाथ धाम के पूजा काउंटर पर दान के पैंसों की चोरी हो गयी। पुलिस रिपोर्ट थाना बद्रीनाथ में दर्ज है, लेकिन मंदिर समिति के इशारे पर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश चल रही है। ताकि मंदिर समिति का कारनामा दबा रहे।

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने कहा कि मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय के कार्यकाल में घोर भ्रष्टाचार, बैक डोर की नियुक्तियों, घोर अनियमिततायें, भाई भतीजावाद, चैलाई लड्डू घोटाला, लड्ओं में जीएसटी की करोड़ो की चोरी, भू माफियाओं की सक्रियता, यात्राकाल के दौरान हुई यात्रियों से अभद्रता, बद्रीनाथ मंदिर परिसर पूजा काउंटर पर हुई लाखों की चोरी में मंदिर समिति की मिली भगत, अव्यवस्थाओं तथा पत्रकारों का उत्पीडन, मंदिर समिति के कर्मचारियों की प्रोन्नति-स्थानांतरण में घोर अनियमितता, अपने स्वयं सेवक पदधारी भाई को रातों रात रुद्रप्रयाग मंदिर समिति धर्मशाला का मैनेजर बनाने, लेखाधिकारी को मुख्य कार्याधिकारी के आदेश के बजाय अपने हस्ताक्षर से डिप्टी सीईओ बनाने, डिप्टी सीईओ के हस्ताक्षर से 17 नियम विरुद्ध पदोन्नति करने के आरोप लगाये हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तथा प्रदेश के पुलिस महानिदेशक से मंदिर समिति अध्यक्ष तथा मंदिर समिति में घनघोर भ्रष्टाचार-अनियमितताओं के कारनामों की एसआईटी एवं सीबीआई जांच की मांग की गई है।

कहा कि मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय अपने भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने के लिए मामलों को अपने बचाव के लिए राजनीतिक रंग दे रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से मांग की कि मंदिर समिति अध्यक्ष के खिलाफ जांच बिठाकर आरोप पत्र तय कर तुरंत पद से हटा दिया जाए। उन्होंने पुलिस महानिदेशक से मांग की कि मंदिर समिति के बद्रीनाथ पूजा काउंटर में हुई चोरी में बद्रीनाथ थाने में दर्ज प्राथमिक सूचना रिपोर्ट मंदिर समिति की मिलीभगत की जांच, चैलाई लड्डू घोटाला, लड्डुओं में घोर मिलावट, बिना सुरक्षा मानकों के मंदिर परिसर में चैलाई के करोड़ो रूपये के लड्डू बेचे खरीदे जाने, यात्रियों से धक्का मुक्की, के खिलाफ मंदिर समिति के अध्यक्ष पर मुकदमा दर्ज किया जाए।

यह सभी के संज्ञान में है कि चैलाई के लड्डू घोटाले के लड्डूवीर अधिशासी अभियंता पर शासन स्तर पर जांच चल रही है। बिना सुरक्षा मानकों के बद्रीनाथ मंदिर परिसर में ठेकेदार लड्डू बेच रहे हैं। लड्डू करीब चार-पांच वर्षों से बद्रीनाथ मंदिर परिसर में बिना मानकों के खुलेआम बिक रहा है, जिस पर शासन स्तर पर जांच गतिमान है। जब इस पर जांच चल रही थी तो इस लड्डू को मंदिर समिति अध्यक्ष ने मंदिर परिसर में क्यों बिकने दिया। बताया जा रहा है कि ठेकेदार ने चैलाई के 20 रूपये के लड्डू को 120 रूपये में बेचा, जिसमें करोड़ों का वारा-न्यारा तथा कमीशनखोरी हुई।

उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से कहा कि मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ-केदारनाथ धाम के गर्भ गृह की फोटो भी वायरल कर दी, जिसका धर्मपरायण जनता घोर विरोध कर रही है। देशभर के तीर्थपुरोहित समाज में आक्रोश व्याप्त है। मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने अपने निजी अहम के चलते दानी दाता का दिया स्वर्ण दान को अपनी उपलब्धि बताई जा रही है। तीर्थ पुरोहित समाज मंदिर समिति अध्यक्ष का कई बार अपमान कर चुके है। कुल मिलाकर मंदिर समिति अध्यक्ष अजेन्द्र अजय उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग के आदर्श पर चल रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से सभी मामलों की सीबीआई जांच की मांग की है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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