उत्तराखंड

उत्तराखंड सरकार के एग्रो फूड प्रोसेसिंग कॉन्क्लेव में निवेशकों पर नहीं होंगे केस..

उत्तराखंड सरकार के एग्रो फूड प्रोसेसिंग कॉन्क्लेव में निवेशकों पर नहीं होंगे केस..

 

 

 

 

 

 

प्रदेश में औद्योगिक निवेश करने वाले निवेशकों या उद्योग लगा चुके उद्योगपतियों पर अब मुकदमे दर्ज नहीं होंगे। यदि वे किसी नियमों या शर्तों का उल्लंघन करते हैं तो उन पर सिर्फ जुर्माना लगाया जाएगा।

 

 

 

 

 

उत्तराखंड: प्रदेश में औद्योगिक निवेश करने वाले निवेशकों या उद्योग लगा चुके उद्योगपतियों पर अब मुकदमे दर्ज नहीं होंगे। यदि वे किसी नियमों या शर्तों का उल्लंघन करते हैं तो उन पर सिर्फ जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ ही राज्य में उद्योग लगाने वाले उद्योगपतियों को यदि लाइजन आफिसर की जरूरत है तो उसे सरकार उपलब्ध कराएगी।

एग्रो फूड प्रोसेसिंग कॉन्क्लेव में मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने देश विदेश से आए निवेशकों के साथ सरकार की नीतियों और निर्णयों को साझा किया। उनका कहना हैं कि ईज आफ डुईंग बिजनेस के लिए सरकार ने दो माह में अलग-अलग 15 एक्ट में संशोधन कर निवेशकों पर एफआईआर दर्ज करने के प्रावधान हटाया है।

सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम का कहना हैं कि राज्य में दो मेगा फूड प्रोसेसिंग पार्क हैं। काशीपुर में एरोमा पार्क भी बनाया गया है। टिहरी जिले के नौथा में फूड प्रोसेसिंग के लिए नया पार्क विकसित किया जा रहा है। उत्तराखंड में कीवी का उत्पादन गेम चेंजर हो सकता है। इसलिए सरकार का फोकस कीवी उत्पादन पर है। इसके अलावा एरोमा व डेयरी विकास में काफी संभावनाएं है। सचिव डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने लॉजिस्टिक नीति, र्स्टाटअप नीति, सर्विस सेक्टर नीति, निजी औद्योगिक क्षेत्र नीति के बारे में जानकारी दी।

उत्पादों की मार्केटिंग व ब्रांडिंग पर ध्यान देने की जरूरत..

पतंजलि ग्रुप के एमडी आचार्य बालकृष्ण का कहना हैं कि कृषि एवं उद्यान के क्षेत्र में उत्तराखंड में अनेक संभावनाएं हैं। राज्य में चार तरह के एग्रो क्लाइमेटिक जोन हैं। भारत का पहली फूड प्रोसेसिंग यूनिट उत्तराखंड में स्थापित हुई। एरोमैटिक एवं मेडिसिनल क्षेत्र में काम करने की जरूरत है। राज्य में बदरी गाय के दूध, घी के साथ ही औषधीय गुणों वाली दालों की ब्रांडिंग व मार्केटिंग पर ध्यान देना होगा।

उत्तराखंड में हो सकता है दो से तीन हजार करोड़ का दूध कारोबार..

अमूल के प्रबंध निदेशक आरएस सोढ़ी ने कहा कि उत्तराखंड के लोग भी दूध उत्पादन से दो से तीन हजार करोड़ का कारोबार कर सकते हैं। गुजरात में 36 लाख किसान अमूल से जुड़े हैं। सालाना दूध बेच कर 60 हजार करोड़ का कारोबार करते हैं। इसी तरह कर्नाटक में 18 से 20 हजार करोड़ का कारोबार होता है। उत्तराखंड में दूध कारोबार की काफी संभावनाएं है। इसके लिए दीर्घकालीन संसाधन व नीतियों पर विशेष ध्यान देना होगा। अमूल की ओर से सरकार को हरसंभव सहयोग किया जाएगा।

 

 

 

 

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top