उत्तराखंड

कृषि सेवा संघ ने हाथों पर काली पट्टी बांधकर जताया आक्रोश..

कृषि सेवा संघ ने हाथों पर काली पट्टी बांधकर जताया आक्रोश..

अपर मुख्य सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त के जारी आदेश से पंचायतों के

साथ ही सहायक कृषि अधिकारियों में आक्रोश..

कार्य बहिष्कार के चलते जनता हो रही परेशान..

आठवें दिन भी जारी रहा पंचायत अधिकारियों का कार्य बहिष्कार..

 

 

 

 

 

 

 

 

रुद्रप्रयाग। अपर मुख्य सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त आनंद बर्धन के आदेश के विरोध में ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों का कार्य बहिष्कार आठवें दिन भी जारी रही। हालांकि अपर मुख्य सचिव ने आदेश को स्थगित कर दिया है, लेकिन पंचायत अधिकारी आदेश को निरस्त करने की मांग पर अड़े हैं और धरना जारी रखे हैं। वहीं अधीनस्थन कृषि सेवा संघ भी अपर मुख्य सचिव के आदेश से आक्रोशित है। सहायक कृषि अधिकारियों ने आदेश के विरोध में पहले दिन कार्य बहिष्कार किया, जबकि मंगलवार को हाथों पर काली पट्टी बांधकर आक्रोश जताया।

बता दें कि प्रांतीय नेतृत्व के आहवान पर जिले के सभी ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों ने आठवें दिन भी बेला खुरड़ स्थित विकास भवन कार्यालय परिसर में कार्य बहिष्कार कर धरना दिया। अपर मुख्य सचिव आनंद बर्धन के ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम विकास अधिकारी एवं ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के दायित्वों का एकीकरण कर ग्राम पंचायत में एक ही अधिकारी की तैनाती का आदेश जारी करने से ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों में आक्रोश बना हुआ है। हालांकि अपर मुख्य सचिव ने अपने आदेश को अग्रिम आदेशों तक स्थगित कर दिया है, मगर ग्राम पंचायत विकास अधिकारी आदेश को स्थगित करने के वजाय निरस्त करने की मांग पर अड़ गये हैं।

ऐसे में वीपीडीओ धरने पर डटे हुए हैं। ग्राम पंचायत विकास अधिकारी एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष देवेन्द्र सिंह नेगी एवं उपाध्यक्ष रणजीत सिंह राणा ने कहा कि जिले के सभी 36 ग्राम पंचायत विकास अधिकारी कार्य बहिष्कार पर हैं। पंचायत अधिकारी हिमाचल की तर्ज पर प्रदेश में भी शासनादेश लागू करने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों के कार्य बहिष्कार करने से जनता भी परेशान है। सरकार व शासन को जल्द ही अपर मुख्य सचिव के आदेश को निरस्त करवा देना चाहिए।

तभी पंचायत अधिकारी अपने कार्यो पर वापस लौटेंगे। वहीं ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों के कार्य बहिष्कार करने से जन्म मृत्यु, परिवार रजिस्टर की नकल, राशन कार्ड, मिशन अंत्योदय, वृद्धा, विधवा, विकलांग, पेंशन, दाखिला के साथ अन्य आवश्यक दस्तावेज तैयार नहीं हो पा रहे हैं। इसके साथ ही नंदा गौरा योजना प्रभावित होने तथा वित्त के कार्य भी ठप पड़े हैं।

इस मौके पर महामंत्री अनूप बेंजवाल, उपाध्यक्ष रणजीत सिंह राणा, अनूप प्रकाश, धर्मबीर बिष्ट, पंकज सिंह, अमित राज, कुदरत राज सिंह, देवेन्द्र सिंह, अनिल चन्द्र, रजनी, मीना गोस्वामी, रविन्द्र कुमार, रूचि डिमरी, गणेश डिमरी, संदीप बत्र्वाल, प्रवीन पुष्पवाण, महावीर लाल, गोविंद सिंह, राजेश, अनिल रावत, अरूण बेंजवाल, आरती, नरेश कुमार, दिनेश सिंह, संतोषी नेगी, ताजबर लाल, कुलदीप भंडारी सहित सभी ग्राम पंचायत विकास अधिकारी मौजूद थे।

वहीं दूसरी ओर कृषि विभाग के विकासखण्ड स्तरीय सहायक कृषि अधिकारी को खण्ड विकास अधिकारी के पर्यवेक्षण अनुश्रवण एवं प्रशासनिक नियंत्रण में किये जाने के अपर मुख्य सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त के जारी आदेश पर अधीनस्थ कृषि सेवा संघ ने पुनर्विचार कर निरस्त करने की मांग की है। इसके लेकर सहायक कृषि अधिकारियों ने पहले दिन कार्य बहिष्कार किया, जबकि मंगलवार को हाथों पर काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। उन्होंने कहा कि संघ की छः मुख्य मांगें हैं, जिन पर जल्द अमल नहीं हुआ तो कृषि सेवा संघ बड़े आंदोलन के लिए भी तैयार है। इस मौके पर नारायण सिंह नेगी, संदीप, बंशीधर सेमवाल, अजय टम्टा, राजू लाल, मोनू कुमार, राजेश, शिवराज सिंह, भूपेन्द्र सहित अन्य मौजूद थे।

वीपीडीओ के आंदोलन को कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता ने दिया समर्थन..

 

प्रदेश के ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों में अपर मुख्य सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त आनंद वर्धन के एक आदेश से रोष व्याप्त है, जिसके चलते सभी ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों ने कार्य बहिष्कार कर आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया है। ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों के कार्य बहिष्कार आंदोलन को समर्थन देने विकास भवन पहुंचे कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने आंदोलित कर्मचारियों को कांग्रेस पार्टी की ओर से समर्थन दिया।

उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी का सपना था कि ग्राम पंचायतों को सशक्त किया जाए और अधिकार संपन्न बनाया जाए तथा पंचायतों को सशक्त बनाते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे लोगों को सभी प्रकार की सुख सुविधाएं मुहैया कराई जाए, जिसका जिम्मा वर्तमान में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के कंधों पर रहता है। मगर विगत आठ दिनों से पंचायत अधिकारियों में शासन के एक अफसर के फरमान से भारी रोष बना हुआ है, जिसके चलते उत्तराखंड के लगभग 800 ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों द्वारा कार्य बहिष्कार किया गया है।

ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में सामान्यतया होने वाली गतिविधियों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा है। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि राज्य में भाजपा की सरकार में अफसरशाही बेलगाम है। सरकार किसी भी आदेश को जारी करने से पूर्व ये अनुमान नहीं लगा पा रही है कि जारी आदेश से धरातल पर कार्य करने वाले कार्मिकों के भविष्य पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में अफसर अपनी मनमानी कर रहे हैं, जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। नेगी ने कहा कि आखिर शासन के अफसर को इस प्रकार भ्रामक आदेश को जारी करने के निर्देश किसके द्वारा दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को जल्द वीपीडीओ की मांग को पूरा कर देना चाहिए, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों की जनता को परेशान ना होना पड़े।

 

 

 

 

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