केदारनाथ धाम प्रसाद को सिंगल यूज प्लास्टिक बैग में नहीं किया जाएगा पैक..
पैकेट पर लगेगा क्यूआर कोड..
चौलाई से बने केदारनाथ प्रसाद को सिंगल यूज प्लास्टिक बैग में पैक नहीं किया जाएगा। प्रसाद की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के साथ ही आकर्षक पैकेजिंग तैयार की जाएगी। प्रसाद वितरण के लिए जूट या कपड़े के थैले का उपयोग किया जाएगा। प्रसाद के पैकेट पर एक क्यूआर कोड भी होगा।
उत्तराखंड: चौलाई से बने केदारनाथ प्रसाद को सिंगल यूज प्लास्टिक बैग में पैक नहीं किया जाएगा। प्रसाद की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के साथ ही आकर्षक पैकेजिंग तैयार की जाएगी। प्रसाद वितरण के लिए जूट या कपड़े के थैले का उपयोग किया जाएगा। प्रसाद के पैकेट पर एक क्यूआर कोड भी होगा। राज्य में एक जिला दो उत्पाद में रुद्रप्रयाग जनपद को चौलाई फसल के लिए चुना गया है।
जिलाधिकारी ने विभागीय अधिकारियों एवं प्रसाद संघ के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के दौरान चौलाई लड्डू की गुणवत्ता बढ़ाने पर जोर दिया। साथ ही अनुरोध किया गया है कि प्रसाद को किसी भी रूप में सिंगल यूज प्लास्टिक बैग में पैक न किया जाए।
उन्होंने जिला उद्योग महाप्रबंधक को प्रसाद पैकेजिंग के लिए डिजाइन की गई पैकेजिंग के नमूने तैयार करने के लिए 15 दिसंबर तक का समय दिया। जिलाधिकारी द्वारा मुख्य कृषि अधिकारी से अनुरोध किया गया था कि चौलाई का पर्याप्त भण्डारण किया जाए ताकि अगली यात्रा में लड्डू और चूरण के लिए सामग्री की कमी न हो। उन्होंने प्रसाद पैकेट पर एक क्यूआर कोड लगाने का सुझाव दिया ताकि ग्राहक इसके उत्पादन में प्रयुक्त सभी सामग्रियों को देख सके।
बता दे कि जिलाधिकारी ने केदारनाथ प्रसाद से जुड़े महिला समूहों, संस्थाओं से मंदिर की अनुकृति के लिए उपलब्ध कच्चे माल पर भी विस्तार से चर्चा की। बैठक में महाप्रबंधक उद्योग हरीश चंद्र हटवाल, मुख्य कृषि अधिकारी योगेंद्र सिंह चौधरी, जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, केदारनाथ सोवेनियर ग्रोथ सेंटर के भाष्कर पुरोहित, केदारनाथ प्रसाद संघ के रघुवीर कंडवाल आदि मौजूद थे।