पर्यावरण संरक्षण को लेकर राइंका चोपता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
छात्रों को दी जल संरक्षण के बारे में अनेकों जानकारियां..
रुद्रप्रयाग। नौला फाउंडेशन के तत्वाधान में राइंका चोपता में पर्यावरण संरक्षण को लेकर जन जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान छात्र-छात्राओं के बीच जैव विविधता संरक्षण पर कविता पाठ, श्लोगन लेखन व चित्रकला प्रतियोगिता भी आयोजित की गई।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए शिक्षिका सुमन भट्ट ने बताया कि हमें पारम्परिक जल स्रोतों के संरक्षण में सामुदायिक भागीदारी को जागरूक करके पारम्परिक जल सरंक्षण पर ध्यान देना होगा। आज नदियों के पुनर्जीवन के लिए सरकार और स्थानीय सामाजिक संस्थाओं के साथ-साथ स्थानीय जन भागीदारी को भी आगे आकर सूख रहे पारम्परिक जल स्रोत धारे, गाड़-गधेरों के साथ वहां की जैव विविधता को भी बचाना होगा और इसके लिए संतुलित कानून बनाने होंगे। हमें अपनी नदियों को यदि बचाना है तो नदी किनारों पर किसी प्रकार की छेड़छाड़ ना करें। जो वृक्ष लगे हैं उन्हें रहने दें। वे स्वयं अपनी सन्तति से नए वृक्षों को जन्म देते रहेंगे और नदी को सदानीरा बना देंगे।
हिमालय का संरक्षण बिना समुदायिक सहभागिता के अलग-अलग विभागों के भरोसे नहीं किया जा सकता है। आज विभिन्न विभागों में समन्वय की बहुत जरूरत है। लुप्त प्राय स्प्रिंग्स, सूख चुकी जल धाराएं, कम होते जंगल, उर्वरा मिटटी का वर्षा जल से बह जाना, वनों पर निर्भर आजीविका आदि बड़े मुद्दे हैं। जिनमें सभी विभागों के समन्वय की जरूरत है। प्रतियोगिता के कविता पाठ सीनियर वर्ग में अनुराग, अंजली व समृद्धि, जूनियर वर्ग कविता पाठ में आयुष, शिवम, प्रिंस, श्लोगन लेखन में आराधना, अदिति, मीनाक्षी व चित्रकला में आंचल, प्रभात व रिया ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किया। इस मौके पर पीबीएस कुंवर, विनोद प्रसाद, आशीष जोशी, आलोक कांडपाल, कविता, कल्पना, सौरभ, पवन व भरत नेगी उपस्थित थे।
