टिम्मरसैंण में बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए रोजाना बड़ी संख्या में पहुंच रहे श्रद्धालु..
उत्तराखंड: भले ही अमरनाथ यात्रा शुरू होने में अभी वक्त हो, लेकिन चमोली जिले की नीती घाटी के टिम्मरसैंण में बाबा बर्फानी विराज गए हैं। नीती घाटी के टिम्मरसैंण नामक पहाड़ी पर स्थित गुफा में बर्फ के शिवलिंग आकार ले चुके हैं तो वही गुफा में टपकने वाला जल इनका जलाभिषेक कर रहा है। सात अप्रैल से टिम्मरसैंण यात्रा शुरू होने के बाद वहां पर रोजाना ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन करने आ रहे हैं। साथ ही प्रदेश के बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोरोना जांच की आरटीपीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य की गई है।
अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे चमोली जिले में जोशीमठ से 82 किलोमीटर दूर नीती घाटी में नीती गांव के नजदीक है भगवान महादेव की टिम्मरसैंण गुफा स्थानीय लोग तो यहां भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं, लेकिन पूर्व में इनर लाइन के कारण अन्य क्षेत्रों के लोगों को यहां आने की इजाजत नहीं थी। पिछले साल ही टिम्मरसैंण को केंद्र सरकार ने इनर लाइन के दायरे से बाहर किया था। जिसके बाद क्षेत्र में तीर्थाटन और पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देकर स्थानीय निवासियों की आर्थिकी संवारने की दिशा में यह कदम उठाने का निर्णय लिया। जिसके बाद इस साल से विधिवत टिम्मरसैंण यात्रा शुरू की गई है।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का कहना हैं कि टिम्मरसैंण में बाबा बर्फानी स्वयंभू शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं। इसकी मान्यता यह भी है कि इस स्थान पर भगवान शिव ने कैलाश यात्रा के दौरान रात्रि विश्राम किया था। जिसके बाद से ये स्थान सौसा महादेव के नाम से भी प्रसिद्ध है। अब टिम्मरसैंण महादेव की यात्रा के लिए श्रद्धालुओं को इनरलाइन परमिट लेने की जरूरत नहीं है।
चमोली की जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया का कहना हैं कि 30 अप्रैल तक चलने वाली टिम्मरसैंण यात्रा के लिए सभी इंतजाम किए गए हैं। मेडिकल टीम और एसडीआरएफ की टीम भी क्षेत्र में तैनात की गयी है। फिलहाल, यात्रियों को दिन में ही वापस लौटने की व्यवस्था की गई है। इसके तहत सुबह 11 बजे तक ही एंट्री दी जा रही है, ताकि श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन कर शाम को वापस लौट सकें।
उन्होंने बताया कि यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं का सुराइथोटा में खोली गई चेकपोस्ट में बाकायदा पंजीकरण कर उनका रिकार्ड रखा जा रहा है। वहीं, चमोली के जिला पर्यटन विकास अधिकारी बिजेंद्र पांडेय ने कहा कि दूसरे प्रदेशों से आने वाले श्रद्धालुओं व यात्रियों के लिए आगमन से 72 घंटे पहले की कोरोना जांच की नेगेटिव रिपोर्ट अथवा वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट अनिवार्य किया गया है।