प्रभावितों के हक के लिए पहाड़ के लोगों को किया जाएगा एक….
चारधाम परियोजना प्रभावित संघर्ष समिति का धरना दूसरे दिन भी जारी…
व्यापारियों और भवन स्वामियों के साथ अन्याय कर रही है सरकार…
रुद्रप्रयाग। चारधाम परियोजना संघर्ष समिति का भवन स्वामियों और व्यापारियों मुआवजा देने और उनके पुनर्स्थापना की मांग को लेकर धरना दूसरे दिन भी जारी रहा। हनुमान मंदिर चैक के सम्मुख धरना-प्रदर्शन करते हुए संघर्ष समिति ने साफ कहा कि सरकार ने प्रभावितों की उपेक्षा की तो आगामी चुनावों में सरकार को इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा।
चारधाम परियोजना प्रभावित संघर्ष समिति के बैनर तले धरना देते हुए संघर्ष समिति के अध्यक्ष मोहित डिमरी और महामंत्री अशोक चैधरी ने कहा कि ने कहा कि प्रभावित व्यापारी और भवन स्वामी लंबे समय से अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। लेकिन सरकार उनकी मांगों के निस्तारण के लिए कोई सकारात्मक हल नहीं निकाल रही है। संघर्ष समिति ने स्पष्ट किया कि वह परियोजना का विरोध नहीं कर रहे हैं, वह सिर्फ प्रभावितों के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। पहाड़ में छोटे-बड़े शहरों को उजाड़कर नए बाजार विकसित नहीं किए गए तो व्यापारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जल्द चमोली जनपद के प्रभावित भवन स्वामी और व्यापारी भी आंदोलन शुरू करने जा रहे हैं। धीरे-धीरे अन्य जनपदों के प्रभावित भी सड़कों पर उतरकर अपने हक की लड़ाई लड़ेंगे।
व्यापार संघ अध्यक्ष कांता नौटियाल, माधो सिंह नेगी, डॉ अमित रतूड़ी, तरुण पंवार ने कहा कि परियोजना से प्रभावित व्यापारियों व भवनस्वामियों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने के अलावा उनके नुकसान का वास्तविक मूल्यांकन कर वर्तमान दर से 4 गुना अधिक प्रतिकर दिया जाय। इसके साथ ही सभी प्रभावित क्षेत्रों में खाली पड़ी सरकारी जमीनों पर मार्केटिंग कॉम्प्लेक्स बनाकर उजड़े व्यापारियों का पुनर्स्थापन किया जाय ताकि वे पलायन न करें और सम्मानजनक ढंग से अपनी जीविका चलाते रह सकें।
शिक्षक नेता मगनानंद भट्ट, एडवोकेट केपी ढ़ौंडियाल, कृष्णानंद डिमरी ने कहा कि सरकार को चाहिए कि पहाड़ के प्रभावितों के साथ किसी भी सूरत में अन्याय न हो। आज पहाड़ के गाँव के गाँव ख़ाली हो रहे हैं। हमारी माँग है कि सरकारें नए बाजार विकसित करे, ताकि व्यापारी अपनी रोजी-रोटी चला सके। उन्होंने कहा कि सरकार ने जल्द मांगों का निराकरण नहीं किया तो व्यापारी उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।
इस मौके पर केशव नौटियाल, अजय भंडारी, राजेश सेमवाल, बीर सिंह पंवार, वरिष्ठ पत्रकार श्याम लाल सुंदरियाल, विजयपाल जगवान, इरशाद अहमद, सतीश गैरोला, हरीश, प्रकाश सिंह पंवार, देवेंद्र कपरवान, विपिन वर्मा, गौरव वर्मा, अरविंद बगवाडी, उम्मेद सिंह बिष्ट, आशीष तिवारी, राकेश मोहन बिष्ट, बदरी जोशी समेत बड़ी संख्या में प्रभावित और स्थानीय लोग मौजूद थे।