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अंधविश्वास में फंसकर एक साथ 900 लोगों ने कर ली खुदकुशी..

अंधविश्वास में फंसकर एक साथ 900 लोगों ने कर ली खुदकुशी..

 

 

 

देश-विदेश: अंधविश्वास एक ऐसी समस्या जिसका समाधान सामने होते हुये भी कोसो दूर हैं। विश्वास टूट कर बिखरता हैं अंधविश्वास मजबूती से खड़ा होता हैं। खोखला हैं लेकिन मजबूती की जड़े लिये हुये जिसे समझते हुए भी कोई स्वीकारना नहीं चाहता। आज का समय जिस तरह से बुराइयों को अपने अंदर समाय हुए हैं। मनुष्य सगे से सगे रिश्ते पर भी विश्वास नहीं कर सकता लेकिन इसके बावजूद कई ऐसे अंधविश्वास हैं जिसका शिकार आज हर एक तीसरा व्यक्ति हैं फिर चाहे वो पढ़ा लिखा हो या अनपढ़।

 

किसी भी बात को बिना सोच समझ के, बिना किसी आधार के चरम सीमा के परे जाकर करना और मानना अंधविश्वास हैं। इसमें पड़कर लोग जाने क्या-क्या कर लेते हैं। साल 2018 में राजधानी दिल्ली में अंधविश्वास में पड़कर एक ही परिवार के 11 लोगों ने सामूहिक रूप से आत्महत्या कर ली थी। एक ही परिवार के इतने लोगों ने भूत-प्रेत और अंधविश्वास के चक्कर में मौत को गले लगा लिया था।

 

ऐसा ही कई साल पहले अमेरिका के गुयाना में देखने को मिला था। जब एक साथ 900 से ज्यादा लोगों ने एक साथ खुदकुशी कर ली थी। इस घटना को दुनिया की सबसे बड़ी आत्महत्या माना जाता है। यह घटना जोंसटाउन में घटी थी। तब 900 से ज्यादा लोगों ने एक साथ जहर पी लिया था तथा मौत को गले लगा लिया था। जिन लोगों ने जहर नहीं पिया था उन लोगों को जबरन जहर पिलाया गया था।

 

 

 

आपको बता दे कि घटना 18 नवंबर, 1978 की है। इस घटना के पीछे जिम जोंस नाम के एक धर्मगुरु का हाथ था। जिम जोंस खुद को भगवान का अवतार बताता था। खुद को लोगों के बीच प्रसिद्ध करने के लिए उसने जरूरतमंदों की मदद के नाम पर साल 1956 में ‘पीपल्स टेंपल’ यानि लोगों का एक चर्च बनाया था। अपनी धार्मिक और अंधविश्वास के दम पर उसने हजारों लोगों को अपना अनुयायी बनाया था। जिम जोंस के विचार अमेरिकी सरकार से अलग थे।

 

वह अपने अनुयायियों के साथ शहर से दूर गुयाना के जंगलों में चला गया था। उसने यहां पर एक छोटा सा गांव बसाया था, लेकिन कुछ दिनों के बाद ही उसकी असलियत लोगों के बीच आने लगी थी। जिम जोंस अपने अनुयायियों से दिनभर काम करवाता था। जब वह अनुयायी रात में थक-हारकर सो जाते थे तो वह उन्हें सोने भी नहीं देता था। इस दौरान वह अपना भाषण शुरू कर देता था। उसके सिपाही घर-घर जाकर देखते थे कि कहीं कोई सो तो नहीं रहा है।

 

 

 

जिम जोंस लोगों को गांव से बाहर भी नहीं जाने देता था। उसके सिपाही गांव के चारों ओर पहरा देते रहते थे, जिससे कि कोई वहां से भाग ना सके। अमेरिकी सरकार को उन्हीं दिनों वहां की गतिविधियों के बारे में पता चला था। इसके बाद सरकार ने कार्रवाई के बारे में सोचा था। इसका पता जिम जोंस को चल गया था। इसके बाद उसने अपने सभी अनुयायियों को एक जगह इकट्ठा होने को कहा था।

 

इस दौरान जोंस ने लोगों से कहा था, “अमेरिकी सरकार हम सबको मारने आ रही है। इससे पहले कि वो हमें गोलियों से छलनी करें, हम सबको पवित्र जल पीना चाहिए। ऐसा करने से हम गोलियों के दर्द से बच जाएंगे। जोंस ने एक बड़े टब में पहले ही खतरनाक जहर मिलाकर एक सॉफ्ट ड्रिंक बनवा दिया था।इसके बाद उसने अपने लोगों को इसे पीने के लिए दे दिया था।

 

जिसने भी जहरीला ड्रिंक पीने से मना किया था, उन्हें जबरन यह जहर पिलाया गया था। तब इस जहर को पीने से 900 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। 300 से ज्यादा बच्चों ने भी इसमें जान गंवाई थी। उसके बाद जिम जोंस ने भी खुद को गोली मारकर खत्म कर लिया था।

 

 

 

 

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