कोरोना की तीसरी लहर में संक्रमित बच्चों को अस्पताल ले जाने के लिए अलग से तैनात होंगी 80 एंबुलेंस..
उत्तराखंड: कोरोना की दूसरी लहर का खतरा भले ही कम हो गया हो, लेकिन अब एक्सपर्ट और आम लोगों को संभावित तीसरी लहर का खतरा सताने लगा हैं। इस बीच एक्सपर्ट्स का भी यही कहना है कि तीसरी लहर का असर सबसे ज्यादा बच्चों पर होगा। कोरोना की संभावित तीसरी लहर में बच्चों पर संक्रमण के ज्यादा प्रभाव को देखते हुए उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी जनपदों में स्वास्थ्य सुविधाओं के इंतजाम किए जा रहे हैं। संक्रमित बच्चों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए अलग से पिडियाट्रिक एंबुलेंस संचालित की जाएगी।
बच्चों के हिसाब से एंबुलेंस में चिकित्सा उपकरण भी होंगे। प्रदेश में 108 आपातकालीन सेवा की 272 एंबुलेंस संचालित हैं। जिसमें से 218 बेसिक लाइफ सपोर्ट और 54 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस शामिल हैं। कोरोना की तीसरी लहर में संक्रमित बच्चों को हायर सेंटर रेफर करने के लिए 80 पिडियाट्रिक एंबुलेंस को संचालित किया जाएगा। जिसके लिए विभाग ने जनपद वार एंबुलेंस का चयन भी कर लिया है। इसके साथ ही एंबुलेंस में तैनात कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में सरकारी, निजी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों में लगभग 335 बाल रोग विशेषज्ञ हैं। सरकारी अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में तैनात बाल रोग विशेषज्ञों को ट्रेनिंग दी जा रही है। वहीं, निजी अस्पतालों के बाल रोग विशेषज्ञों को भी संक्रमित बच्चों के उपचार व देखभाल की ट्रेनिंग दी जाएगी।
