उत्तराखंड

शव का पोेस्टमार्टम किये बगैर ही किया अंतिम संस्कार

सरकारी कार्य में बाधा डालने पर पुलिस ने भेजा जेल

रुद्रप्रयाग। सरकारी कार्य में बाधा डालने और कानून को अपने हाथ में लेने वालों के विरुद्ध पुलिस ने कड़ी कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया है। इन लोगों ने जबरदस्ती ही शव का श्मशान घाट पहुंचाकर अंतिम संस्कार किया। दरअसल, ग्राम रहड़ निवासी मंगल सिंह पुत्र सरोप सिंह के गले में रस्सी का फंदा लगाकर आत्महत्या करने के बाद शव के पंचायतनामा के लिए पुलिस मौके पर पहुंची। मौके पर मृतक का पंचायतनामा भरकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजे जाने की तैयारी की जा रही थी। इस पर पंचायतनामा के गवाह सरोप सिंह सहित चार लोगों ने अन्य लोगों को उकसाकर एक पत्र तैयार किया और कहा कि मृतक के पोस्टमार्टम न कराये जाने को लेकर जिलाधिकारी से वार्ता कर ली गयी है।

ग्रामीणों ने मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए न भेजते हुए जबरदस्ती शव को श्मशान घाट ले जाकर अंतिम संस्कार कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने ग्रामीण सरोप सिंह पुत्र श्याम सिंह, महावीर सिंह पुत्र श्याम सिंह, शिव सिंह नारायण सिंह, युद्धवीर सिंह पुत्र भगवान सिंह के खिलाफ कोतवाली रुद्रप्रयाग में धारा 306, 120बी, 201, 186, 189 भादंवि का अभियोग पंजीकृत कर गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश करते हुए भेज दिया गया। पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया कि इन लोगों द्वारा मृतक को आत्महत्या करने पर मजबूर किया गया, जिसके बाद स्वयं को बचाने के उद्देश्य से पुलिस के विरोध करने के बावजूद शव को जला दिया गया।

सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करते हुए कानून को खुद के हाथों में लेने पर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है। उन्होंने कहा कि कानून को अपने हाथों में लेने वालों और सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने वालों को पुलिस किसी भी सूरत में नहीं बख्शेगी। ऐसे लोगों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। व्यक्ति चाहे कोई भी हो, किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है।

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