अगलाड़ नदी में मौण मेले के दौरान ग्रामीणों ने हजारों किलो मछली पकड़ी।
उत्तराखंड : यमुना की सहायक नदी अगलाड़ में गुरुवार दोपहर में भींड का मौण मेला मनाने बड़ी संख्या में लोग जुटे। जिसमें जौनपुर, जौनसार, बिन्हार, मसूरी और निकटवर्ती क्षेत्रों के लगभग 12 हजार से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। वहीं इस दौरान ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से 7500 किलोग्राम से अधिक मछलियां पकड़ी। मौण मेले की समाप्ति पर ग्रामीण नाचते गाते अपने गांवों के लिए रवाना हुए।
इस ऐतिहासिक मेले का शुभारंभ 1866 में तत्कालीन टिहरी नरेश ने किया था। तब से जौनपुर में निरंतर इस मेले का आयोजन किया जा रहा है। वहीं मेले में जौनपुर जौनसार की संस्कृति की झलक भी देँखने को मिलती है। मेले की खास बात यह है कि यहां पर टिमरू के पौधे की छाल निकालकर इसे धूप में सुखाने के बाद घराट में पीसा जाता है और नदी में डिमरू पाउडर डालने से पहले लोग ढोल-दमाउ की थाप पर जमकर नृत्य करते हैं। मछली पकड़ने के लिए स्थानीय लोगों द्वारा पारंपरिक यंत्र का प्रयोग किया जाता है और लोग शाम को गांव पहुंचकर इस त्योहार को धूमधाम से मनाते हैं। इस मेले में करीब 114 से अधिक गांवों के लोग शिरकत करते हैं। स्थानीय निवासी कुलदीप रावत ने बताया कि बुधवार को सुबह करीब आठ बजे अगलाड़ नदी में मौण मेले का शुभारंभ पारंपरिक वाध्य यंत्रों के साथ किया जाएगा। उन्होंने बताया कि नदी में डाले जाने वाले टिमरू के पाउडर को बनाने की जिम्मेदारी इस साल लालूर पटटी के ग्रामीणों की है। मेल में 114 से अधिक गांव के लोग शिरकत करेंगे।
नेशनल हाईवे पर अगलाड़ पुल से लगभग चार किमी ऊपर मौणकोट में दोपहर एक बजे ढोल-दमाऊ और रणसिंघा के साथ ग्रामीण नदी में पहुंचे। विधिवत पूजा-अर्चना के बाद टिमरू पाउडर से सभी पांतीदार प्रतिनिधियों का टीका किया गया। जिसके बाद इस बार टिमरू पाउडर तैयार करने वाले पांतीदार पट्टी छैज्यूला की उपपट्टी सिलगांव के ग्रामीणों ने 250 किलोग्राम टिमरू पाउडर अगलाड़ नदी में डाला। जिसके बाद ग्रामीणों ने मछलियां पकड़नी शुरू की।
मौणकोट से बंदरकोट होते हुए अगलाड़ पुल के नीचे यमुना के मुहाने तक ग्रामीणों ने कुंडियाड़ा, फटियाड़ा, जाल से मछलियां पकड़ी। बारिश से भी कम नहीं हुआ उत्साह टिमरू पाउडर नदी में डालते ही तेज बारिश शुरू हो गई। लेकिन, इससे ग्रामीणों का उत्साह कम नहीं हुआ। वहीं कई लोगों ने तो तीन से चार किलो मछलियां पकड़ी और कुछ युवकों को खाली हाथ भी लौटना पड़ा।
यातायात व्यवस्था सुचारू बनाने के लिए थानाध्यक्ष की ओर से कैम्पटी पुलिस फोर्स बंदरकोट, अगलाड़ पुल और मसूरी बैंड में तैनात रही। इस बार जौनसार क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में लोग मछलियां पकड़ने पहुंचे थे।