राष्ट्रपति पुरस्कृत उत्तम दास जी के द्वारा ढोल सागर का ज्ञान.. उत्तराखंड: पहाड़ की संस्कृति को बढ़ावा देने व गांव से पलायन...
स्वर्गारोहणी जाने से पहले पांडवों ने सौंपे थे अपने अस्त्र-शस्त्र.. एकादशी पर्व पर मंदाकिनी व अलकनंदा नदी पर होता है स्नान.. देव...
उत्तराखंड के सबसे प्राचीन वाद्य यंत्र है ढोल दमाऊ.. वाद्ययंत्र ढोल-दमाऊ की गूंज के बिना अधूरे होते है शुभकार्य.. ढोल-दमाऊ की 300 से ज्यादा ताले गूजती...
युवा पीढ़ी आज भी पहाड़ की परंपराओं से अनभिज्ञ… ढोल-दमाऊं, डौंर-थाली, हुड़का, रणसिंघा, भंकोरा और मशकबीन की सुमधुर लहरों से सराबोर…. पौड़ी...
पांडवों व देव निशानों का विदाई का पल कर गया भावुक… फल वितरण के साथ हुआ पांडव नृत्य का हुआ समापन.. ग्राम...
अस्त्र-शस्त्रों एवं देव-निशाणों के गंगा स्नान के बाद पांडव नृत्य शुरू… 20 दिनों तक भरदार के तरवाड़ी गांव में चलेगा पांडव नृत्य.....
अगलाड़ नदी में मौण मेले के दौरान ग्रामीणों ने हजारों किलो मछली पकड़ी। उत्तराखंड : यमुना की सहायक नदी अगलाड़ में गुरुवार...