जांबाज राइफल मैन हमीर सिंह पोखरियाल जम्मू कश्मीर के बांदीपुरा के गुरेज सेक्टर में आतंकियों संग हुई मुठभेड़ में शहीद
उत्तराखंड : ऋषिकेश स्थित गुमानीवाला के जांबाज राइफल मैन हमीर सिंह पोखरियाल जम्मू कश्मीर के बांदीपुरा के गुरेज सेक्टर में आतंकियों संग हुई मुठभेड़ में शहीद हो गए। मंगलवार को जब उनके घर शहादत की खबर पहुंची, तो परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। शहीद की ढाई साल की मासूम बेटी है। शहीद मूलरूप से पोखरियाल गांव (उत्तरकाशी) का रहने वाला है। यहां कुंजापुरी कॉलोनी के वार्ड 10 में रहने वाले 12 गढ़वाल राइफल के राइफल मैन हमीर सिंह पोखरियाल (27) पुत्र जयेंद्र पोखरियाल के शहीद होने की खबर कश्मीर से मेजर स्तर के अधिकारी ने फोन पर मंगलवार को दी। जिसके बाद घर में कोहराम मच गया। बताया कि वह वर्तमान में 36 राष्ट्रीय राइफल में तैनात थे। जम्मू कश्मीर में घटना की सूचना मिलने के बाद से शहीद की पत्नी पूजा (24) सदमे में आ गई हैं। शहीद की मां राजकुमारी देवी खबर सुनते ही बेहोश हो गईं।
आसपास के लोगों को जैसे ही जांबाज की शहादत की सूचना मिली, तो वह शहीद के घर परिजनों को सांत्वना देने पहुंचने लगे। पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य राजेश व्यास ने बताया कि फोन पर 36 आरआर के मेजर ने बताया कि जांबाज सैनिक हमीर सिंह ने आतंकियों से मुठभेड़ में शहादत दी है। पहले श्रीनगर में शहीद का पोस्टमार्टम होना है। परिजनों को बताया गया कि बुधवार शाम या बृहस्पतिवार को शहीद की पार्थिव देह घर पहुंचेगी। मंगलवार सुबह दस बजे जब जम्मू से 36 राष्ट्रीय राइफल के सैन्य अधिकारी का फोन आया तो शहीद की पत्नी पूजा ने ही फोन रिसीव किया। मेजर ने उनसे पूछा कि आपके ससुर कहां हैं। उसने बताया कि वह अमरनाथ यात्रा में तैनात हैं। इसके बाद अधिकारी ने उनसे पूछा कि आपकी सास कहां हैं तो बताया कि वह सत्संग में गई हैं। हमीर की पत्नी ने अफसर से कहा कि आप मुझे बताएं क्या बात है तो उन्होंने कहा कि हम आपको नहीं बता सकते। फिर महिला ने देवर सुनील पोखरियाल को फोन दिया। जिस पर मेजर ने सुनील को शहादत की जानकारी दी। भाई की शहादत की खबर सुनते ही सुनील के हाथ से फोन जमीन पर गिर गया।
परिजनों ने बताया कि शहीद हमीर की पत्नी पूजा गर्भवती है। खबर सुनने के बाद से ही उसका रो-रोकर बुरा हाल है। बताया गया कि दो दिन पहले ही हमीर सिंह ने अपनी मां और अन्य परिजनों से फोन पर बात की थी। उनकी ढाई साल की बेटी है। हमीर बीते जून माह में ही ड्यूटी पर गया था। शहीद पिता एसएसबी में सब इंस्पेक्टर के पद पर हैं। बेटे की शहादत की खबर के बाद वह घर के लिए रवाना हो चुके हैं। शहीद का एक चाचा शैलेंद्र सिंह गढ़वाल राइफल असम में तैनात हैं। जबकि दूसरे चाचा आलेंद्र सिंह जम्मू में ही तैनात हैं। शहीद हमीर के भाई सुनील का घटना की सूचना के बाद से बुरा हाल है। सुनील ने बताया कि हमीर बुआ की शादी को लेकर बीते वर्ष दिसंबर में घर आए थे। कश्मीर में भारी बर्फबारी के कारण उसकी बटालियन की लोकेशन नहीं मिल रही थी। जिस कारण उसकी छुट्टी बढ़ गई थी। हमीर बीती 3 जून को ड्यूटी पर गए थे। वह 2010 में 12 गढ़वाल राइफल में भर्ती हुए थे। शहीद के भाई ने बताया उनका मूलगांव पोखरियाल गांव, तहसील डुंडा, उत्तरकाशी है। करीब चार साल पहले ही वह गुमानीवाला में आकर बसे हैं। इस दौरान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, पूर्व कैबिनेट मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण सहित कई अन्य नेता परिवार को ढांढस बंधाने पहुंचे।