उत्तराखंड

आतंकी हमले में शहीद हुआ उत्तराखंड का एक और जांबाज

आतंकियों की घुसपैठ नाकाम करते वक्त एक और जांबाज सैनिक शहीद हो गया

उत्तराखंड : आतंकियों की घुसपैठ नाकाम करते वक्त एक और जांबाज सैनिक शहीद हो गया । देश की रक्षा के लिए उत्तराखंड का एक और लाल शहीद हो गया है।  38वीं राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात कोटद्वार के शिवपुर गांव निवासी राइफलमैन मनदीप सिंह रावत (28) आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए। सोमवार रात को मनदीप और उनके साथी जवानों ने जम्मू-कश्मीर के बांदीपुरा गुरेज सेक्टर में दो आतंकवादियों को मार गिराया था।

तभी दुश्मनों की ओर से हुई जवाबी फायरिंग में मनदीप शहीद हो गए। सेना के अधिकारियों की ओर से मनदीप के परिजनों को मंगलवार सुबह मनदीप के शहीद होने की सूचना दी गई। अधिकारियों के बताया कि सोमवार रात को जम्मू कश्मीर के बांदीपुरा के गुरेज सेक्टर में आतंकवादियों के घुसने की सूचना मिली थी।सेना ने रात को ही सर्च ऑपरेशन चलाया, जिसमें आतंकवादियों ने जवानों को करीब पाते ही गोलियों की बौछार शुरू कर दी। सेना के जवान दो आतंकवादियों को मार चुके थे, तभी गोली लगने से मनदीप शहीद हो गए।

मनदीप के मौसा सुरेंद्र सिंह ने बताया कि मनदीप के पिता बूथी सिंह पूर्व सैनिक हैं और माता सूमा देवी गृहणी है। मनदीप में बचपन से ही सेना में भर्ती होने की ललक थी। 12वीं कक्षा पास करने के बाद वर्ष 2012 में वह गढ़वाल राइफल में भर्ती हो गए। उनकी पहली तैनाती 15वीं गढ़वाल राइफल्स में हुई। फौज में बेहतर प्रदर्शन होने के कारण उन्हें कोटद्वार के कौड़िया कैंप में पीटी प्रशिक्षक पद पर नियुक्ति दी गई। छह माह पहले ही उनकी तैनाती जम्मू-कश्मीर में 38वीं राष्ट्रीय राइफल्स में की गई थी। मनदीप के छोटे भाई सुदीप रावत भी जम्मू-कश्मीर राइफल्स में जम्मू में तैनात हैं।

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