उत्तराखंड

पकड़ा गया वहशी, बताया कैसे दिया दर्दनाक अपराध को अंजाम

पकड़ा गया वहशी, बताया कैसे दिया दर्दनाक अपराध को अंजाम,पुलिस के समक्ष अपना जुर्म भी कबूल किया

उत्तरकाशी  : डुंडा क्षेत्र के एक गांव में 12 वर्षीया बालिका की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले का मंगलवार को पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पड़ोस के गांव में रहने वाला युवक ही बालिका का हत्यारा निकला।उसने पुलिस के समक्ष अपना जुर्म भी कबूल किया। आरोपी के बयान और मौके पर मिले साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने उसके खिलाफ अपहरण, बलात्कार एवं हत्या का मुकदमा दर्ज कर उसे न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे नई टिहरी जेल भेज दिया गया। बता दें कि बीते 18 अगस्त की तड़के डुंडा क्षेत्र में पुल पर एक बालिका का क्षतविक्षत शव बरामद हुआ। उसकी शिनाख्त गांव के ही एक दलित परिवार की बेटी के रूप में हुई।

परिजनों ने पुलिस को रात को घर का बिजली का कनेक्शन काटकर बेटी का अपहरण होने की जानकारी दी। उसी सुबह गांव में रहने वाले पांच बाहरी मजदूरों के यहां से चले जाने की सूचना मिलने पर शक की सुई उनकी ओर घूम गई और सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें इस घटना का आरोपी बताए जाने से वर्ग विशेष के खिलाफ जनाक्रोश भड़क उठा। इसके बाद दो दिनों तक उत्तरकाशी जनपद ही नहीं समूचे उत्तराखंड में विरोध की आग भड़क गई। उन मजदूरों के साथ ही करीब एक दर्जन संदिग्धों को पुलिस द्वारा हिरासत में लेने और 19 अगस्त की शाम को मृत बालिका का अंतिम संस्कार कराने के बाद हालात कुछ नियंत्रण में आए। हालांकि हत्याकांड का खुलासा नहीं होने से लोगों का गुस्सा थमने को नहीं था। 20 अगस्त की सुबह पुलिस ने मृतका की बड़ी बहन के बयान और कुछ अन्य साक्ष्यों के आधार पर पड़ोस के गांव से मुकेश लाल उर्फ बंटी (22) को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो मामला खुलता चला गया। उसके बयान के आधार पर हत्याकांड की कड़ियां जोड़ने के साथ ही इससे जुड़े तमाम साक्ष्य जुटाने के बाद पुलिस ने मंगलवार को घटना का खुलासा कर दिया। पुलिस ने मुकेश के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर मंगलवार को उसे न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में नई टिहरी जेल भेज दिया गया।

इस तरह वारदात को दिया अंजाम

पुलिस के अनुसार मूल रूप से टिहरी जनपद के दीन गांव का रहने वाला आरोपी मुकेश लाल अपनी मां के साथ कई वर्षों से डुंडा ब्लाक के एक गांव में रहता है। वह खच्चर चलाता था।पूछताछ में मुकेश लाल ने बताया कि वह मृतका के घर लंबे समय से आता-जाता था और मृतका तथा उसकी बड़ी बहन से मिलने का मौका ढूंढता रहता था। कुछ दिन पहले वह शराब के नशे में देर रात उनके घर गया था, तब मृतका की मां ने उसे घर से भगा दिया था। 17 अगस्त की रात भी वह शराब पीकर मृतका के घर गया और बिजली कनेक्शन काटकर घर में अंधेरा कर दिया।इसके बाद वह बालिका को सोते हुए उठाकर बाहर ले आया। घर से करीब 100 मीटर दूर उसने खेत में ही उसके साथ दुराचार किया, तभी बालिका के शोर मचाने पर मुकेश ने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद लाश को ठिकाने लगाने के लिए वह करीब दो सौ मीटर नीचे गदेरे की तरफ लाया। इस दौरान झाड़ियों और पथरीले रास्ते में लाश को घसीटने के कारण शव क्षत विक्षत हो गया। सीधा सादा दिखने वाला हत्यारा मुकेश बेहद शातिर, निर्मम और विकृत मानसिकता का निकला। बालिका का सोची समझी रणनीति के तहत अपहरण कर उसने न सिर्फ उसके साथ बलात्कार किया, बल्कि हत्या कर शव को घसीट कर पुल पर ला फेंका। इसके बाद भी उसे न तो डर लगा और न ही कोई पछतावा हुआ। वह घटनास्थल से करीब डेढ़ किमी दूर अपने घर गया, जहां उसने खून से सने अपने कपड़े धोए और आराम से सो गया।सुबह आठ बजे उसने खच्चर मालिक के घर नाश्ता किया। तब तक बाहरी मजदूरों के इस हत्याकांड में संलिप्त होने की सूचना आग की तरह फैल चुकी थी। इसका फायदा उठाकर वह भी मौके पर पहुंचा और खुलकर विरोध प्रदर्शन में शामिल हुआ। हालांकि अगले दिन गांव में पुलिस की सक्रियता बढ़ने, डॉग स्क्वाड के गांव पहुंचने और इस मामले में किसी स्थानीय की संलिप्तता की चर्चा शुरू होने पर वह घबरा गया। तब उसने अपने डर को दूर करने के लिए नशे का सहारा लिया और अत्यधिक नशा कर घर जाकर छिप गया।

राजस्व क्षेत्र का मामला होने के बावजूद रेगुलर पुलिस शुरूआत से ही इसमें सक्रिय हो गई थी। शुरूआती दो दिनों में जनाक्रोश के चलते पुलिस कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने में व्यस्त रही। हालांकि इस दौरान एसटीएफ, पुलिस एवं फोरेंसिक की टीमें हत्याकांड की तह में जाने की कोशिश में जुटी रहीं। संदेह के आधार पर मुकेश को हिरासत में लिया गया। पूछताछ में उसके कबूलनामे और मौके पर मिले साक्ष्यों से पुष्टि होने पर मुकेश के खिलाफ भादंसं की धारा 363, 376 एवं 302 तथा 3/4 पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके सीमेन एवं खून के सैंपल लेकर  के लिए देहरादून ले जाए जा रहे हैं। दोषी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए पुलिस के पास पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं।

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