फलदार पौधों की समय-समय पर होगी माॅनीटरिंग , भटवाड़ी मे लगाये गये पौधों का नाम होगा रामेश्वरी देवी बसुकेदार में स्कूली छात्रों ने लगाये तीन सौ पौधे
रुद्रप्रयाग। ग्राम पंचायत कोठगी एवं भटवाड़ी की बारह हेक्टेयर भूमि पर आम, कठहल और लीची के पौधांे का रोपण किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए विधायक भरत सिंह चैधरी ने कहा कि भटवाड़ी की भूमि पर लगाये गये दो सौ लीची के पौधों का नाम रामेश्वरी देवी के नाम रखा जायेगा। इसके लिए उद्यान अधिकारी को रामेश्वरी देवी के नाम का बोर्ड भी तैयार करने के निर्देश दिये।
विधायक भरत सिंह चौधरी ने कहा कि कोठगी में लगाये गये आम व कटहल तथा भटवाडी में लगाये गये लीची के पौधे की लगातार मानीटरिंग की जायेगी। किसी वजह से पौधे के खराब होने, मरने पर शीघ्र उसकी जगह दूसरा पौधा लगाया जायेगा। भटवाड़ी में लगाये गये दो सौ लीची के पौधों की व्यवसायिक उपयोगिता बताते हुए कहा कि यहां लीची जुलाई माह के मध्य में होगी, जब अन्य जगह की लीची समाप्त हो चुकी होगी। इससे फल के अच्छे दाम मिलेंगे और लोगों की आर्थिकी मजबूत होगी। ग्राम पंचायत में स्प्रिंकलर व ड्रिप पद्धति से सिंचाई करने की बात कही, जिससे पानी का उपयोग कम से कम हो सके।
पर्यावरणप्रेमी एवं शिक्षक सतेन्द्र सिंह भण्डारी ने कहा कि इन पेड़ों की देख-रेख की जवाबदेय ग्रामवासियों की है। इसके साथ ही पौधों को इस प्रकार सींचा जायेगा, जिस प्रकार व्यक्ति अपने बच्चों को बढ़ा करता है। इस अवसर पर ब्लाॅक प्रमुख अगस्त्यमुनि जगमोहन सिंह रौथाण, ज्येष्ठ प्रमुख प्रबल सिंह नेगी, क्षेत्र पंचायत सदस्य यशपाल पंवार, ग्राम प्रधान सविता भण्डारी, मुख्य विकास अधिकारी एन.एस.रावत, जिला उद्यान अधिकारी योगेन्द्र सिंह, खण्ड विकास अधिकारी धनेश्वरी नेगी, मुख्य कृर्षि अधिकारी एस.एस.वर्मा सहित ग्रामीण उपस्थित थे।
वहीं राइंका बसुकेदार के एनएसएस स्वयं सेवियों ने शिक्षकों एवं कर्मचारियों के सहयोग से शासन द्वारा संचालित पौधा मेरे नाम का कार्यक्रम के अन्तर्गत विद्यालय परिसर में तीन सौ से अधिक फलदार, छायादार एवं सजावटी पौधों का रोपण किया।
इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य डीसी सेमवाल, एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी जेएस टम्टा, वरिष्ठ प्रवक्ता जेएस परिहार, कैलाश नौटियाल, राजीवलोचन भण्डारी, अम्मू टम्टा, एनएसएस स्वयं सेवी साक्षी, शिवानी, सुष्मिता, सिद्धार्थ, सुबोध, सचिन, अवन्तिका, ऋतिका, सितरन, दीक्षा आदि मौजूद थे।