उत्तराखंड

पौराणिक वैतरणी पर भी संकट पैदा भूस्खलन से लोगों में दहशत

पौराणिक वैतरणी पर भी संकट पैदा भूस्खलन से लोगों में दहशत
चमोली जिले के पौराणिक वैतरणी गोपेश्वर गांव में भूस्खलन चिंता का सबब बना हुआ है। 

चमोली : गोपेश्वर गांव से लगे क्षेत्र में भारी भूधंसाव चिंता का विषय बना है। खास बात यह है कि आपदा के बाद से हो रहे भूधंसाव के ट्रीटमेंट के लिए कोई कार्ययोजना अभी तक बनी नहीं। उल्टा इस क्षेत्र में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर क्षेत्र को खतरे में डाला जा रहा है। पर्यावरणविद् चंडी प्रसाद भट्ट ने जिलाधिकारी को इसकी भयावहता से अवगत कराया, जिसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आया है। जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों की संयुक्त टीम बनाकर मौके पर स्थायी ट्रीटमेंट योजना बनाने को कहा है।

गोपीनाथ मंदिर से एक किमी की दूरी पर वैतरणी के पास बड़े भूभाग में भूधंसाव 2013 में शुरू हुआ। इसकी जानकारी प्रशासन को भली-भांति है। लेकिन इस भूधंसाव को लेकर शासन-प्रशासन आंख मूंदे बैठा है। भूधंसाव के चलते वैतरणी के पास कई नाली भूमि बर्बाद हो गई है। यही नहीं भवनों को भी खतरा बना हुआ है। अगर समय रहते हुए ट्रीटमेंट की कार्रवाई नहीं की जाती है, तो वह दिन दूर नहीं जब पौराणिक वैतरणी पर भी संकट पैदा हो सकता है। बताया गया कि यह भूधंसाव बालखिला नदी से एक किमी के दायरे में हो रहा है। यहां पर पहले सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी प्रस्तावित था। लेकिन भूधंसाव के बाद सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट इससे लगी भूमि में किया जा रहा है, जो भूगर्भ की दृष्टि से स्थानीय लोग सही नहीं मान रहे हैं।

स्थानीय लोगों की चिंता है कि इससे भूधंसाव और बढ़ेगा। पर्यावरणविद् चंडी प्रसाद भट्ट जता रहे चिंता इस भूस्खलन जोन के लगातार बढ़ने से गोपेश्वर गांव निवासी पर्यावरणिवद् चंडी प्रसाद भट्ट भी खासा चिंतित हैं। उन्होंने इसके ट्रीटमेंट को जरूरी बताया है। जिलाधिकारी को भी उन्होंने स्थलीय निरीक्षण के दौरान ट्रीटमेंट की आवश्यकता पर जोर दिया है। कहा कि बालखिला नदी के किनारे से भी इसका ट्रीटमेंट होना चाहिए। बाकी जगह में पौधरोपण की पहल भी पर्यावरणविद् चंडी प्रसाद भट्ट ने की है। सिरोखोमा मोटर मार्ग का निर्माण भी भूस्खलन के चलते आगे नहीं बढ़ पाया है। यह सड़क वैतरणी से सिरोखोमा, सेंटुणा होते हुए मंडल हाईवे पर जुड़नी थी। लेकिन भूस्खलन जोन में सड़क निर्माण कार्य ध्वस्त होने के बाद लोनिवि ने सड़क निर्माण का कार्य रोक दिया था। जिलाधिकारी ने भूस्खलन जोन के स्थाई ट्रीटमेंट के लिए एडीबी आपदा, पेयजल निगम, लोनिवि, भूगर्भ विभाग को तत्काल स्थलीय निरीक्षण कर इसके ट्रीटमेंट की कार्ययोजना बनाने को कहा है।

जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया का कहना है कि मेरे संज्ञान में यह भूस्खलन जोन है। स्थलीय निरीक्षण भी किया गया। भूस्खलन जोन के ट्रीटमेंट के लिए कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। भूस्खलन के ट्रीटमेंट के लिए विभागीय टीम का गठन कर कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं।

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