उत्तराखंड

दो सौ परिवारों के सामने रोजी रोटी का संकट

पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के नेतृत्व में प्रभारी मंत्री से मिले व्यापारी
मिनी स्विटजरलैंड चोपता एवं दुगलबिट्टा में हटाये जा रहे अस्थाई ढाबा एवं टेंट

रुद्रप्रयाग। मिनी स्विटजरलैंड चोपता एवं दुगलबिट्टा में हटाये जा रहे अस्थाई ढाबा एवं टेंटों से दो सौ से अधिक परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जायेगा। ये वे हक-हकूकधारी हैं, जो वर्षों से यहां रोजगार कर रहे हैं और तीर्थयात्रियों एवं सैलानियों को सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं। प्रशासन की ओर से अब इन्हें हटाये जाने की कार्रवाई की जा रही है।

दरअसल, प्रशासन की ओर से बिना अनुमति के मिनी स्विटजरलैंड चोपता एवं दुगलबिट्टा में अस्थाई ढाबा एवं टेंटों के निर्माण को हटाया जा रहा है। पर्यटक स्थल में अतिक्रमण की कार्रवाई जोरों पर चल रही हैं। ऐसे में अतिक्रमणकारियों में हड़कंप सा मचा है। बृहस्पतिवार को पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चंडी प्रसाद भट्ट के नेतृत्व में व्यापारियों ने जनपद प्रभारी मंत्री प्रकाश पंत से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। अपनी समस्या को रखते हुए व्यापारियों ने कहा कि स्थानीय लोग वर्षों से तुंगनाथ यात्रा पड़ाव के साथ ही पर्यटक स्थल में अस्थाई तौर पर रोजगार चला रहे हैं, जिससे तीर्थयात्रियों एवं सैलानियों को सुविधा मिल रही हैं। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चंडी प्रसाद भट्ट ने कहा कि चोपता, दुगलबिट्टा, बनियाकुंड, पोथीबासा, पंदेर, तुंगनाथ में हक-हकूकधारियों ने अपना व्यवसाय करने के लिए कच्चे ढाबे और टेंट लगाये हैं। इनके निर्माण से देश-विदेश से तुंगनाथ आने वाले श्रद्धालुओं और चोपता घूमने वाले पर्यटकों को लाभ मिल रहा है। कहा कि इन दुकानों से दो सौ से अधिक परिवारों की रोजी-रोटी जुड़ी हुई है। जिले में रोजगार का कोई अन्य साधन नहीं है। पर्यटन और तीर्थाटन पर ही आर्थिकी टिकी हुई है। श्री भट्ट ने कहा कि पहाड़ी जनपदों में कोई बड़ा उद्योग नहीं है, जिससे युवाओं को रोजगार मिल सके।

इन पर्यटक स्थलों पर अस्थाई रोजगार खोलकर ही यहां के युवाओं की आजीविका चल रही है। कहा कि प्रशासन एवं वन विभाग की ओर से अस्थाई एवं स्थाई टेंट एवं ढाबों को तोड़ने की कार्रवाई की जा रही है, जबकि स्थानीय हक-हकूकधारी वर्षों से इन स्थानों पर अपना व्यवसाय कर आजीविका संचालित कर रहे हैं। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि हक-हकूकधारियों के व्यवसाय के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाय।

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