प्रभारी पंत ने ली योजना की समीक्षा बैठक
मनरेगा में डबटेलिंग कर प्राथमिकता के आधार पर कार्य करने के निर्देश
हर न्याय पंचायत में नोडल आफिसर नियुक्त करने के आदेश
रुद्रप्रयाग। विकास कार्यों में शिथिलता किसी भी कीमत पर बर्दाशत नहीं की जायेगी। अधिकारी जनता के साथ समन्वय बनाकर विकास कार्यों को अंजाम दें। योजनाओं का क्रियान्वयन इस तरीके से किया जाय, जिससे जनता लाभान्वित हो सके।
जिला सभागार में आयोजित जिला योजना की समीक्षा बैठक लेते हुए वित्त, संसदीय कार्य, विधायी भाषा, आबकारी एवं जनपद प्रभारी मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि जिला योजना का नियोजन इस प्रकार से किया जाय, जिससे जनपद का विकास हो सके। इसके लिए विभाग मनरेगा से डबटेलिंग कर क्षेत्र की प्राथमिकता के आधार पर कार्य करें। जिला योजना में योजनाओं को कई वर्षो में पूरा करने के वजाय एक ही वर्ष में पूरा किया जाय। विभाग ऐसा प्रयास करें, जिससे क्षेत्र की जनता लाभान्वित हो सके। योजना के सफल संचालन के लिए जनता का अधिकतम सहयोग व इन्वाल्वमेंट जरूरी है। इसके साथ ही विकेन्द्रीकृत योजनाओं का निर्धारण व संचालन किया जाय, जिससे सबका साथ सबका विकास हो सके।
बैठक में कृषि, उद्यान, पशुुपालन, मत्स्य, जड़ी-बूटी, सिंचाई आदि विभागों द्वारा पीपीटी के माध्यम से कार्यो की जानकारी दी गई। मंत्री ने विभागों को पुरानी शैली व परम्परागत कार्य के स्थान पर नए कार्य, नई शैली से करने को निर्देश दिए। कहा कि विभाग बीज, यंत्र वितरण, सहकारिता के तहत लोन वितरण, पौधारोपण कार्यो तक ही अपना कार्य न समझे, इसके साथ ही उन कार्यों का फाॅलोअप भी किया जाए। विभाग ग्रामीणों को तकनीकी सहायता दंें, जिससे वे बेहतर कार्य कर सके व योजनाओं का लाभ अधिकतम लोगों को मिले। उन्होंने जिलाधिकारी को हर न्याय पंचायत में एक नोडल आॅफिसर नामित करने के निर्देश दिए। नोडल आफिसर की जिम्मेदारी होगी कि वह सभी विभागों की योजनाओं के सफल संचालन के लिए देखरेख (गार्जियन) का कार्य करेगा। इससे यह पता चल सकेगा कि विभाग द्वारा जो कार्य किया गया उसका लाभ कितने लोगों को मिला रहा है। साथ ही यह भी जानकारी रहेगी कि किन कमियों के कारण जनता को योजना का लाभ नहीं मिल पाया। जिला योजना के तहत किए गए कार्यों की भौतिक प्रगति कराये जाने के निर्देश जिलाधिकारी को दिए। प्रभारी मंत्री ने सिंचाई विभाग को कृत्रिम झील के लिए जगह चिन्हित कर उसका उपयोग सिंचाई, मत्स्य पालन व पेयजल के लिए करने के निर्देश दिये। सिंचाई विभाग को झील की डीपीआर तैयार कर निदेशालय को भेजने के निर्देश दिये जिससे योजना में धन आंवटित किया जा सके। वन विभाग को जंगलो में प्राकृतिक सौन्दर्य को ध्यान में रखकर कार्य करने को कहा।
विभागों द्वारा वर्तमान स्थिति तक किसी भी योजना के तहत बनाई गई परिसम्पत्तियों का विवरण, जो कि वर्तमान में निष्प्रयोज्य हो चुकी हो कि सूची देने व उन परिसम्पत्तियों का किस प्रकार से बेहतर उपयोग किया जा सके। इसके निर्देश समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों को दिए। इस अवसर पर विधायक भरत सिंह चैधरी, केदारनाथ मनोज रावत, जिला अध्यक्ष विजय कप्रवान, ब्लाॅक प्रमुख अगस्त्यमुनि जगमोहन सिंह रौथाण, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चण्डी प्रसाद भट्ट, पुलिस अधीक्षक पीएन मीना, मुख्य विकास अधिकारी डीआर जोशी, पीडी एनएस रावत सहित समस्त जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।