ट्राली से गिरने के बाद लाइफ जैकेट करेंगे सुरक्षा का काम
रुद्रप्रयाग। आये दिन हो रहे ट्राली में हादसों से सबक लेकर प्रशासन ने नई तरकीब निकाली है। प्रशासन की ओर से ट्राली में सफर करने वाले ग्रामीणों को लाइफ जैकेट दिये जा रहे हैं, जिससे ग्रामीणों के ट्राली से गिरने के बाद बचने की संभावना बनी रहेगी।
दरअसल, आपदा के चार सालों में तीन से ज्यादा लोग ट्राली से गिरकर अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि दो दर्जन लोग घायल भी हो चुके हैं। इसके अलावा एक बच्चे का हाथ भी कट चुका है। केदारनाथ से आई आपदा के चार सालों में अभी तक एक दर्जन झूलापुलों में तीन पुलों का निर्माण ही हो पाया है, जबकि दो पर निर्माण कार्य चल रहा है और अन्य पुलों का कार्य आज तक शुरू भी नहीं हो पाया है। इनमें माई की मंडी, सिल्ली और कालीमठ में पुल बन चुके हैं और विजयनगर तथा चन्द्रापुरी में कार्य चल रहा है। यहां पर पुलों की ज्यादा आवश्यकता है।
इसके साथ ही नगरासू, रैल गांव, बेडूबगड़, स्यालसौड़, रूच्छ महादेव, विद्यापीठ में पुल निर्माण कार्य आज तक शुरू नहीं हो पाया है। ऐसे में ग्रामीणों को ट्राली से आवागमन करना पड़ रहा है। यहां पर प्रशासन की ओर से इलैक्ट्रोनिक ट्रालियां भी नहीं लगाई गई हैं, जबकि विद्यापीठ के छात्र-छात्राओं एवं स्थानीय जनता को कुंड होकर गुप्तकाशी व ऊखीमठ आना पड़ रहा है। शासन और प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा गरीब जनता को भुगतना पड़ रहा है। आपदा के बाद करोड़ों रूपये पानी की तरह बहाये गये, मगर आपदा प्रभावितों की समस्याएं आज तक कम नहीं हो पाई हैं। हालांकि ट्रालियों में हो रहे हादसों को देखते हुए प्रशासन की ओर से नई तरकीब जरूर निकाली गई है।
मंदाकिनी की लहरों से बचने के लिए लाइफ जैकेट ग्रामीणों को दिये जा रहे हैं। यदि कोई ग्रामीण लाइफ जैकेट पहनकर ट्राली से नदीं में गिरता है तो उसके बचने के आसार रहेंगे और उसे मंदाकिनी नदी से भी बाहर निकाला जा सकता है। ग्रामीणों को ट्राली में बैठते समय इन जैकेट को दिया जा रहा है और नदी को पार करने के बाद जैकेट निकाले जा रहे हैं, जिससे अन्य ग्रामीण भी इन जैकेटों का इस्तेमाल कर सकें।
लोक निर्माण विभाग रुद्रप्रयाग के अधिशासी अभियंता इन्द्रजीत बोस ने कहा कि ट्रालियों में आये दिन हादसे होते जा रहे हैं। ट्रालियों में लोग अपनी जान को गंवा रहे हैं। ऐसे में प्रशासन की ओर से ग्रामीणों की सुविधा के लिए लाइफ जैकेट दिये जाने का निर्णय लिया गया है। ग्रामीणों को लाइफ जैकेट पहनाकर ट्राली में सफर करवाया जा रहा है। अगर कोई व्यक्ति लाइफ जैकेट के साथ नदी में गिरता है तो उसके बचने के आसर रहेंगे और डर भी नहीं रहेगा।