उत्तराखंड

गर्भवती महिला के परिजनों को कानूनी सहायता देगा जन अधिकार मंच

गर्भवती महिला के परिजनों को कानूनी सहायता देगा जन अधिकार मंच , सैनिक स्कूल के स्थानांतरण का होगा पुरजोर विरोध
जन अधिकार मंच की बैठक में खांकरा को भी बाइपास सड़क से जोड़ने की मांग , मंच की बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव हुए पारित

रुद्रप्रयाग। जन अधिकार मंच की बैठक में गर्भवती महिला की मौत के मामले में पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने, जल्द सैनिक स्कूल का निर्माण दिग्धार में करने समेत कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक में आठ प्रस्ताव पारित किए गए।

जन अधिकार मंच के अध्यक्ष मोहित डिमरी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई बैठक में मंच के सदस्यों ने कहा कि प्रसूता आशा देवी थपलियाल की प्रसव के दौरान मृत्यु की जिम्मेदारी जिला अस्पताल की वरिष्ठ महिला चिकित्सक पर बताई जा रही है। इस संबंध में जन अधिकार मंच द्वारा जिला अधिकारी को ज्ञापन देकर उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग की गई है। सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया कि इस संबंध में मंत्री, सचिव व महानिदेशक से भी वार्ता की जाय। साथ ही पीड़ित परिवार की कानूनी सहायता में हर संभव सहयोग प्रदान किया जाय।
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि निर्माणाधीन सैनिक स्कूल दिग्धार (बड़मा) का निर्माण कार्य शीघ्र आगे बढ़ाने तथा उद्यान विश्वविद्यालय के चिरबिटिया परिसर को पूर्व घोषणाओं के अनुसार व्यवस्थित करने हेतु हर स्तर पर कार्यवाही की जाय। इन दोनों संस्थाओं को अन्यत्र स्थानांतरित करने की किसी भी कार्यवाही का पुरजोर विरोध किया जायेगा। मंच के सदस्यों ने कहा कि तैला-सिलगढ़ पेयजल योजना का निर्माण छह वर्ष पूर्व पूर्ण हो गया था, जिस पर छह करोड़ रुपया खर्च हो गया है लेकिन वितरण प्रणाली के लिए वांछित 3.23 करोड़ रुपए की धनराशि प्राप्त न होने के कारण जनता को पेयजल के संकट से जूझना पड़ रहा है। सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया कि इस संबंध में प्रत्येक स्तर पर वार्ता कर योजना का कार्य पूर्ण करवाने की कार्यवाही अमय में लाई जाय।

मंच ने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा में जो कार्य सम्मिलित हैं, उन कार्यों पर कार्यवाही की अद्यतन स्थिति का अभिलेख प्राप्त किया जाय तथा उन पर संबंधित विभागों से कार्य आरंभ करवाया जाय। साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 58 पर सिरोबगड़ स्थान से बाईपास के निर्माण के कार्ययोजना पर कार्य आरंभ कर दिया गया है। जिसका निर्माण कार्य पूरा होने पर खांकरा का पूरा बाजार, जो कि पूरी बच्छणस्यूं पट्टी का केन्द्र है, वह राष्ट्रीय राजमार्ग से पूरी तरह कट जायेगा। इससे पूरे क्षेत्र का व्यवसाय एवं आवागमन के प्रभावित होने की पूरी संभावना है। इसलिये इस पूरी बच्छणस्यूं पट्टी के लोग इसमें थोड़ा सा परिवर्तन करने की मांग कर रहे हैं। क्षेत्रीय जनता की मांग है कि बाईपास का निर्माण इस ढ़ंग से किया जाये कि खांकरा उससे अलग-थलग न पड़े। इस संबंध में उनका सुझाव है कि ऊपर की तरफ जो तीसरा पुल प्रस्तावित किया गया है, उसे हटाकर पपडासू से आगे अलकनंदा पर पुल बनाकर इसे खांकरा के समीप मुख्य मार्ग से जोड़ दिया जाये। इससे बाईपास का निर्माण भी हो जायेगा और बच्छणस्यूं क्षेत्र भी प्रभावित होने से बच जायेगा। जिलाधिकारी ने भी इस पर सहमति व्यक्त करते हुए, इस सुझाव पर राजमार्ग प्राधिकरण से पत्राचार किया जा रहा है लेकिन अभी तक उनकी ओर से इस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है, जिससे पूरे क्षेत्र की जनता में भारी रोष व्याप्त है और जनता सड़कों पर उतरकर आंदोलन की तैयारी कर रही है।

मंच ने यह भी माँग रखी कि कोटेश्वर (रुद्रप्रयाग) में पैदल पुल ध्वस्त होने के उपरांत वहां पर पैदल पुल के निर्माण की कार्यवाही शीघ्र आरंभ होने की आशा व्यक्त की जा रही है। सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया कि इस पुल को पैदल पुल के बजाय मोटरपुल बनाने तथा रुद्रप्रयाग-चोपड़ा मोटरमार्ग से राष्ट्रीय राजमार्ग सं. 58 में मिलाने के लिए एप्रोच रोड बनाने की मांग शासन से की जाय। इस संबंध में विधायक और जिलाधिकारी से लगातार संपर्क एवं पत्राचार किया जाय।

सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि कोटेश्वर स्थित शंकराचार्य अस्पताल, जिसे सरकार द्वारा अधिग्रहीत किया गया है, का संचालन स्वतंत्रता दिवस से आरंभ करवाने हेतु जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्साधिकारी से मिलकर समुचित कार्यवाही करवाई जाय। इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार और मंच के सदस्य रमेश पहाड़ी, कोषाध्यक्ष बुद्धिबल्लभ ममगाई, एडवोकेट केपी ढौंडियाल, प्यार सिंह नेगी, कृष्णानंद डिमरी, राय सिंह रावत, रमेश नौटियाल, मगनानंद भट्ट, एसएन सेमवाल, प्रदीप नौटियाल, केशव नौटियाल, श्याम लाल सुंदरियाल, कल्पेश्वर नौटियाल, कुलदीप राणा आदि मौजूद थे।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top