ऊखीमठ स्वास्थ्य केंद्र में इंसानियत का परिचय देते हुए डॉक्टर सचिन चौबे ने बचाई प्रसव पीड़िता की जान
भगवती शैव
ऊखीमठ : डॉक्टरों को भगवान का रूप भी कहा जाता है और उसी मिशाल को ऊखीमठ स्वास्थ्य केंद्र में तैनात डॉ0 सचिन चौबे ने पेश किया है। ऊखीमठ के गांधीनगर वार्ड की निवासी महिला प्रसव के लिए ऊखीमठ स्वास्थ्य केंद्र में पहुंची। जहां पर डॉक्टरों ने हालात को सामान्य देखते हुए अस्पताल में भर्ती कर दिया। डॉक्टर लगातार प्रसव पीड़िता का स्वास्थ्य परीक्षण कर रहे थे तो सब कुछ सामान्य था अचानक रात ग्यारह बजे हालात असामान्य होने लगे जिसे बाद डॉ चौबे ने प्रसव पीड़िता को रेफर करने का निर्णय लिया। 108 एबुलेंस को फोन किया तो गुप्तकाशी में वाहन उपलब्ध न होने के कारण अस्पताल की एम्बुलेंस में गर्भवती को हायर सेंटर रेफर किया गया। पीड़िता की हालत को नाजुक देखते हुए भारी बारिश में परिजनों व आशा कार्यकर्ती के साथ डॉ0 चौबे भी एम्बुलेंस में बैठ गए। रात साढ़े ग्यारह बजे एम्बुलेंस भीरी पहुँची तो जहां पर मलबा आने से हाइवे बन्द हो गया और गर्भवती की स्थिति बिगड़ने लगी। अब डॉक्टर के पास वापस जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था तो डॉ चौबे ने एम्बुलेंस को सड़क किनारे खड़ी कर स्वयं प्रसव कराने का निर्णय लिया। रात करीब डेढ़ बजे एम्बुलेंस में ही डॉ द्वारा सुरक्षित प्रसव कराया गया जिसके बाद जच्चे और बच्चे की स्थिति सामान्य है।
ऐसे मामले बहुत कम दिखाई देते हैं जब डॉक्टर अपनी जान की परवाह न करते हुए मरीजों के साथ साथ एम्बुलेंस में साथ चले। ऐसी स्थिति में जब भारी बारिश हो रही हो और लगातार पत्थर गिर रहे हो तो कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहेगा लेकिन डॉ0 चौबे ने मानवता का परिचय देते हुए गर्भवती के साथ चलने का फैसला किया और सुरक्षित प्रसव भी कराया। अगर इस स्थिति में गर्भवती के साथ डॉ0 चौबे न होते तो जच्चे व बच्चे की जान को नुकसान भी हो सकता था। वरना आजकल तो डॉक्टर मरीज की हालत बिगड़ने पर हायर सेंटर रेफर करके अपनी जिम्मेदारियों को छोड़ देते हैं।
हमें गर्व है कि डॉ0 सचिन चौबे जैसे डॉक्टर हमारे क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।