उत्तराखंड

भारतीय सेना को मिला सबसे यंग आनरेरी लेफ्टीनेंट तेजपाल सिंह नेगी

रुद्रप्रयाग के लाल ने कर दिया कमाल , मिल चुका है सेना मेडल और विशिष्ट सेना मेडल ,टीम कर्नल कोठियाल और यूथ फाउंडेकशन की रीढ़ हैं आनरेरी लेफ्टिनेंट तेजपाल

-गुणानंद जखमोला

उत्तराखंड : उत्तराखंड की माटी ने देश को हजारों वीर सपूत दिये हैं। जो इस देश की आन-बान और शान के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने में भी पीछे नहीं हटे हैं। प्रथम विश्व युद्ध से ही गढ़वाल व कुमाऊं रेजीमेंट का गौरवशाली इतिहास रहा है। वीर गब्बर सिंह नेगी से लेकर आनरेरी लेफ्टिनेंट तेजपाल सिंह नेगी तक। हर वीर सपूत का एक किस्सा है, जो देशभक्ति की पराकाष्ठा है और दूसरों के लिए अनुकरणीय। भारतीय सेना के सूबेदार मेजर तेजपाल सिंह नेगी को 15 अगस्त के दिन आनरेरी लेफ्टिनेंट बनाने की घोषणा की है। तेजपाल सिंह नेगी ने महज 22 साल की सेवा के बाद यह मुकाम हासिल कर लिया है। इस आधार पर वे सबसे यंग आनरेरी लेफ्टिनेंट हैं। 34 साल की उम्र में तेजपाल सूबेदार मेजर बनने वाले पहले सैनिक का रिकार्ड भी इन्हीं के नाम है।

नेहरू इंस्टीट्यूट आफ माउंटेनयरिंग से वर्ष 2013 से जुड़े आनरेरी लेफ्टिनेंट ने केदारनाथ आपदा के दौरान भी कर्नल अजय कोठियाल का हर कदम पर साथ दिया और यहीं से जन्म हुआ यूथ फाउंडेशन का। यूथ फाउंडेशन युवाओं को सेना में भर्ती के लिए निशुल्क प्रशिक्षण देती है और अब तक कर्नल कोठियाल की इस मुहिम के तहत 3500 से भी अधिक युवाओं को यूथ फाउंडेशन से प्रशिक्षण के बाद सेना और अर्द्धसैनिक बलों में नौकरी हासिल हो चुकी है।

आनरेरी लेफ्टिनेंट तेजपाल रुद्रप्रयाग के उर्खोली गांव के हैं। वे 1996 में गढ़वाल राइफल्स में भर्ती हुए। 2004 में जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में उन्होंने अपनी टीम के साथ सात आतंकवादियों को ढेर कर दिया था। बहुआयामी प्रतिभा के धनी तेजपाल ने सेना के पर्वतारोहण अभियानों में भी नौ साल तक लगातार भाग लिया और एवरेस्ट पर भी तिरंगा फहराया।

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