उत्तराखंड

अस्त हुआ राजनीति का ‘अटल’युग, नहीं रहे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी

अस्त हुआ राजनीति का ‘अटल’युग, नहीं रहे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी

उत्तराखंड : ‘भारत रत्न’ से सम्मानित पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का गुरुवार शाम को 5:05 बजे दिल्ली स्थित एम्स में निधन हो गया है। इनके निधन के साथ ही राजनीति का ‘अटल’युग अस्त हो गया। वह 93 वर्ष के थे। पिछले नौ सप्ताह से वह एम्स में भर्ती थे। बुधवार को उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था।

उत्तराखंड को अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में लाने में स्व. अटल बिहारी वाजपेयी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उनके इस योगदान को कोई भी उत्तराखंडी भुला नहीं सकता। बुधवार को जैसे ही उनके गंभीर होने की खबर आई। लोग दुआएं करने लगे। कई जगह हवन और पूजन भी किया गया । बता दें कि तत्कालीन वाजपेयी सरकार ने नवोदित पहाड़ी राज्य उत्तराखंड को विशेष राज्य का दर्जा दिया था।

वाजपेयी सरकार में ही उत्तराखंड देश का 27वां राज्य बना। इसके साथ ही उन्होंने राज्य को औद्योगिक पैकेज की सौगात भी दी थी। वहीं राज्य को विशेष राज्य का दर्जा भी दिया गया। वाजपेयी द्वारा विशेष राज्य का दर्जा देने के बाद विशेष योजना सहायता व अन्य मदों के रूप में भी अतिरिक्त केंद्रीय मदद मिल रही है। उत्तराखंड में वाजपेयी के कई मित्र भी हैं। वहीं उनकी कई कविताओं में हिमालय के प्रति आदरभाव महसूस किया जा सकता है। जन जन के प्रिय पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के निधन से पूरा देश स्तब्ध है।

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