उत्तराखंड

रक्तदान करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी: सुमंत..

रक्तदान

जिला पंचायत उपाध्यक्ष सहित 65 लोगों ने किया रक्तदान..

श्री केदारनाथ सनातन संस्कृत महाविद्यालय विद्यापीठ में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन..

रुद्रप्रयाग: श्री केदारनाथ सनातन संस्कृत महाविद्यालय विद्यापीठ में राष्ट्रीय सेवा योजना के अन्तर्गत विशेष स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। रक्तदान महादान को अपने जीवन का उद्देश्य मानकर संस्कृत महाविद्यालय, राजकीय महाविद्यालय व आयुर्वेदिक फार्मेसी के छात्र-छात्राओं के साथ जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमन्त तिवारी सहित 65 लोगों ने रक्तदान किया।
शिविर में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमंत तिवाड़ी ने कहा कि रक्तदान के बराबर कोई दान नही है। इसलिए सभी को समय-समय पर रक्तदान करना चाहिए, जिससे हमारा योगदान समाज व देश के काम आ सके। उन्होंने कहा कि आज के युग में विभिन्न बीमारी से ग्रसित व प्रसव पीड़ा वाली महिलाओं को अधिक रक्तदान की जरूरत होती है।

 

उन्होंने कहा कि किसी को जीवनदान देने के लिये रक्तदान महान पुण्यगामी कार्य है। छात्र जीवन से ही उन्होंने विभिन्न स्थानों पर दो दर्जन से अधिक बार रक्तदान किया है। श्री तिवाड़ी ने कहा कि छात्रांे को अपने परिजनों को भी रक्तदान करने के लिए जागरूक करना चाहिए। साथ ही साथ समय-समय पर रक्तदान करना चाहिए। यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी है।

 

अतिविशिष्ट अथिति महाविद्यालय के प्राचार्य पीएस जगवाण ने कहा कि रक्तदान करने से मनुष्य सतकर्म व सदगति को प्राप्त होता है, क्योंकि रक्तदान को महादान की संज्ञा दी गयी है। कहा कि वर्ष 2004 से रक्तदान की महत्ता को बढ़ाने के लिए प्रत्येक वर्ष 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस मनाया जाता है। आयुर्वेदिक फार्मेसी विद्यापीठ के प्राचार्य डाॅ हर्षवर्द्धन बैंजवाल ने कहा कि आष्ट्रिया वैज्ञानिक कार्ल लैंडस्टीनर ने वर्ष 1901 में आधुनिक ब्लड ट्रान्सफयूजन प्रणाली विकसित करने के लिये उन्हें नोबल पुरस्कार दिया गया। उपहार समिति के अध्यक्ष बिपिन सेमवाल ने कहा कि जैसे समिति सामाजिक क्षेत्रों में कार्य कर पुण्य अर्जित कर रही है। वैसे ही रक्तदान भी महा पवित्र काम है। उन्होंने रक्तदान के लाभ गिनाते हुए कहा कि रक्त दान से बीपी, हार्ट तथा कैंसर संबंधी कई बीमारियों से निजात मिलती है। विशिष्ट अतिथि आयुर्वेदिक फार्मेसी के प्रधानाचार्य हर्षवर्धन बेंजवाल ने कहा कि 84 लाख योनियो में मनुष्य योनी को उतम माना गया है। इसलिए मनुष्य योनी में आने के लिए देवता भी तरसते हैं, क्योंकि मनुष्य योनी में कर्मो के अनुसार फल की प्राप्ति होती है।

 

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्री केदारनाथ सनातन संस्कृत महाविद्यालय के प्रधानाचार्य राकेश चन्द्र जमलोकी ने कहा कि रक्तदान करने से मनुष्य पुण्य का भागी बनता है, इसलिए मानव को समय-समय पर रक्तदान करना चाहिए। रक्तदान शिविर में जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमन्त तिवारी ने रक्तदान करने वाले छात्र-छात्राओं को फल, जूस वितरित किया तथा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस मौके पर वासुदेव सेमवाल, आशीष राणा, राकेश रावत, देवराज सिंह रावत, उर्मिला डबराल, सुधा जसोला, रीता सेमवाल सहित तीनों विद्यालयों के अध्यापक, पांच दर्जन से अधिक छात्र-छात्रायें, अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।

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