जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल की मेहनत लाई रंग , सरकारी स्कूलों के बच्चों का जवाहर, राजीव एवं सैनिक स्कूल में हुआ चयन , प्राथमिक शिक्षक संघ ने जिलाधिकारी के प्रयासों पर जताई खुशी
रुद्रप्रयाग। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल द्वारा जनपद में प्राथमिक शिक्षा में नया प्रयोग अब रंग लाने लगा है। एक साल पहले शुरू किये गये प्रयोग का ही प्रतिफल है कि इस वर्ष जनपद के प्राथमिक विद्यालयों ने विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में अपना परचम लहराया है। जनपद के प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं ने संसाधनों के अभाव के बाबजूद न केवल जवाहर एवं राजीव नवोदय विद्यालय की बल्कि, सैनिक स्कूल की बेहद कठिन प्रवेश परीक्षा भी पास की है। इसके लिए प्राथमिक शिक्षक संघ ने जिलाधिकारी का आभार प्रकट करते हुए बेहतर परिणाम देने वाले शिक्षकों का धन्यवाद ज्ञापित किया है।
जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने जनपद का कार्यभार ग्रहण करने के बाद सबसे पहले शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरी के लिए कई प्रयोग किए। उन्होंने प्राथमिक स्तर से ही बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाने पर जोर दिया। जिसे उन्होंने नाम दिया बढ़े चलो कार्यक्रम। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत अभावग्रस्त गरीब बच्चों के भविष्य को संवारने का बीड़ा उठाया, जिसमें साथ दिया शिक्षा विभाग के अधिकारियों, शिक्षकों एवं अभिभावकों ने। कार्यक्रम के अन्तर्गत बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाई गई और प्रतिमाह संकुल स्तर पर बच्चों का टेस्ट लिया गया। साल भर की मेहनत के बाद बढ़े चलो कार्यक्रम ने आशातीत परिणाम दिए। इस वर्ष राप्रावि बीना के छात्र प्रियांशु ने वह कर दिखाया जो प्राइवेट विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र भी नहीं कर पाये। प्रियांशु ने सैनिक स्कूल जैसी कठिन प्रतियोगी परीक्षा में सफलता पाई। जो कि जनपद के लिए गौरव का विषय है। वहीं जवाहर नवोदय विद्यालय में जनपद के सरकारी स्कूलों के 17 बच्चों का चयन पहली ही सूची में हो गया। राजीव गांधी नवोदय विद्यालय में भी दो दर्जन से अधिक छात्रों का चयन सरकारी स्कूलों से ही हुआ है।
प्राथमिक विद्यालयों से बड़ी संख्या में छात्रों का चयन होने पर ख्ुाशी जताते हुए उत्तराखण्ड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ जनपद रूद्रप्रयाग के जिलाध्यक्ष विक्रम झिंक्वाण ने कहा कि बच्चों की यह सफलता जनपद में प्राथमिक शिक्षा के लिए एक संजीवनी का कार्य करेगी। संसाधन विहीन राजकीय विद्यालयों के अभावग्रस्त एवं गरीब बच्चों की यह सफलता अन्य अभिभावकों को भी अपने पाल्यों को सरकारी विद्यालयों में पढ़ाने के लिए प्रेरित करेगी। जिलाधिकारी की प्रेरणा एवं प्रयासों से ही यह सम्भव हो पाया है। खुशी जाहिर करने वालों में मगनानन्द भट्ट, ललित काला, वंशीधर गौड़, विक्रम सिंह, देवेन्द्र दरमोड़ा, लक्ष्मी नेगी, दिनेश भट्ट, वीरेन्द्र कठैत, सुरेन्द्र गुसाईं, हरीश गिरी, शिवप्रसाद भट्ट, दीपक बुटोला, चारूचन्द्र खण्डूरी, राकेश नैनवाल, गंगा नेगी, राकेश शुक्ला, प्रकाश रौथाण, विपिन त्रिपाठी, प्रेम सिंह गुसाईं, श्रीधर प्रसाद भट्ट आदि थे।