विश्वास में लिए बगैर केदारनाथ धाम में हो रहे कार्य…
सरकार का यात्रा शुरू करने का निर्णय गलत…
प्रदेश के बाहरी लोगों के यात्रा पर आने से केदारघाटी की जनता परेशान…
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित एवं जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमंत तिवाड़ी ने कहा कि देवस्थानम् बोर्ड के खिलाफ तीर्थ पुरोहितों का दो माह से धरना चल रहा है। सरकार और शासन की ओर से तीर्थ पुरोहितों की कोई सुध नहीं ली जा रही है। तीर्थ पुरोहितों को विश्वास में लिए बिना ही केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। आपदा के बाद बने तीर्थ पुरोहितों के भवनों को उन्हें सौंपा नहीं गया है। धाम सहित यात्रा पड़ावों में अव्यवस्थाएं फैली हुई हैं, जिससे श्रद्धालुओं को भी भारी दिक्कतों से गुजरना पड़ रहा है। सरकार का यात्रा शुरू करने का निर्णय गलत था, जिसका हर्जाना केदारघाटी की जनता को भुगतना पड़ रहा है।
यहां जारी बयान में जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री तिवाड़ी ने कहा कि जब से देवस्थानम् बोर्ड का गठन किया गया है, तब से केदार धाम में व्यवस्थाएं गड़बड़ा गई हैं। सरकार ने अपने फायदे के लिए बोर्ड का गठन किया है, जबकि इस बोर्ड से चारधामों में अव्यवस्थाएं फैल रही हैं। सरकार ने बाहरी प्रदेशों के लोगों के लिए भी यात्रा शुरू कर दी है, जबकि कोरोना महामारी के मामलों में वृद्धि होती जा रही है। ऐसे में केदारघाटी की जनता में भी डर बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों के लिए यात्रा शुरू करने के बाद भी तीर्थ पुरोहितों और व्यापारियों ने विरोध जताया था, मगर सरकार ने अपनी मनमानी कर यात्रा शुरू की और अब प्रदेश से बाहर के लोग भी यात्रा पर आयेंगे तो कोरोना महामारी फैलने की आशंका भी बढ़ गई है। श्री तिवाड़ी ने कहा कि कोरोना महामारी से पहले ही जनता में खौफ का माहौल है।
ऊपर से सरकार के इन नियमों से तीर्थ पुरोहितों और व्यापारियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। सरकार और शासन-प्रशासन यात्रा पड़ावों में कोई व्यवस्था नहीं कर रहा है। गौरीकुण्ड से केदारनाथ धाम तक दुकानें नहीं खुली हैं, जबकि गौरीकुण्ड से लेकर धाम तक गंदगी ही गंदगी फैली हुई है। शौचालय बंद पड़े हुए हैं और स्वास्थ्य सुविधाएं भी बदहाल हैं। ऐसी स्थिति में प्रदेश से बाहर के लोग यात्रा पर आयेंगे तो यहां से अच्छा संदेश लेकर नहीं जायेंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार का यात्रा शुरू करने का फैसला गलत था और जबरन देवस्थानम् बोर्ड को भी थोपा जा रहा है। श्री तिवाड़ी ने कहा कि देवस्थानम् बोर्ड को भंग किया जाना आवश्यक है, अन्यथा तीर्थ पुरोहित उग्र आंदोलन को मजबूर हो जायेंगे।