कंथार गांव के ग्रामीण बिना किसी सहायता के बना रहे सड़क..
सड़क न होने से ग्रामीणों को हो रही थी परेशानी…
रुद्रप्रयाग। लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। यह पंक्तियां विकासखंड जखोली की ग्राम पंचायत सेमा भरदार के कंथार गांव के ग्रामीणों पर सटीक बैठती है। लाख कोशिशों के बावजूद जब सड़क निर्माण का कार्य शुरू नहीं हुआ तो ग्रामीणों ने सरकार को आइना दिखाते हुए खुद ही सड़क का निर्माण शुरू कर दिया।
भरदार के कंथार गांव को सड़क से जोड़ने के लिए ग्रामीण कई बार शासन-प्रशासन से गुहार लगा चुके थे, लेकिन जब कहीं से सड़क की उम्मीद नहीं दिखाई दी तो सामाजिक कार्यकर्ता देवेंद्र गौड़ के नेतृत्व में कंथार के ग्रामीणों ने सड़क निर्माण का बीड़ा उठा दिया। ग्रामीणों ने कुदाल-फावड़ा उठाया और सड़क निर्माण का काम शुरू किया। पिछले डेढ़ माह से ग्रामीण सड़क निर्माण के काम में जुटे हुये हैं।
तिलवाड़ा-मयाली-घनसाली मोटरमार्ग से कंथार गांव तक एक किमी सड़क का निर्माण किया जा रहा है। हर रोज करीब 40 लोग बिना किसी सरकारी सहायता के काम कर रहे हैं। समाजसेवी देवेंद्र गौड़ का कहना है कि खड़ी चढ़ाई होने के कारण ग्रामीणों को भारी परेशानी हो रही थी। बीमार व्यक्ति को सड़क पर पहुँचाने के लिए भारी दिक्कतें होती हैं। सड़क न होने से लगातार गांव से लोगों का पलायन जारी था। लगातार सरकार से पत्राचार करने के बावजूद सड़क निर्माण न होने पर हम सभी ग्रामीणों ने सड़क निर्माण का निर्णय लिया। पहले चरण का काम अंतिम दौर में है। उन्होंने कहा कि 30 मई को सड़क का काम शुरू हुआ था और अभी भी काम जारी है।
सामाजिक कार्यकर्ता लक्ष्मी प्रसाद डिमरी का कहना है कि ग्रामीणों ने सरकार के सामने नजीर पेश की है। ऐसे अनुपम उदाहरण बहुत कम देखने को मिलते हैं। अधिकतर मामलों में वन भूमि के चलते सड़कों का निर्माण नहीं हो पाता है।
उन्होंने कहा कि सामूहिक रूप से जिस तरह से ग्रामीण काम कर रहे हैं, उससे साबित होता है कि पहाड़ के लोग किसी भी चुनौती का डटकर सामना कर सकते हैं। इस मौके पर राजेन्द्र प्रसाद गौड़, तोताराम गौड़, प्रवीण गौड़, रामप्रकाश गौड़, कमला देवी, पुष्पा देवी, सतेश्वरी देवी, पवित्रा देवी, सावित्री देवी, सोनम, कविता, हेमलता, कमला, नारायणी देवी सहित कई ग्रामीण काम में जुटे हैं।