उत्तराखंड

रात्रि के समय भी हो झूलापुल का निर्माण कार्य

रात्रि के समय भी हो झूलापुल का निर्माण कार्य , लोनिवि ने दिया 15 सितम्बर तक विजयनगर पुल का कार्य पूर्ण होने का आश्वासन , जिलाधिकारी ने किया निभिन्न निर्माण कार्यों का निरीक्षण

रुद्रप्रयाग। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने विजयनगर में निर्माणाधीन झूलापुल का निरीक्षण किया। इस दौरान जिलाधिकारी ठेकेदार व लोनिवि के अधिशासी अभियंता को रात के समय भी कार्य करान के निर्देश दिये, जिससे पुल का निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण हो जाय। वहीं विभाग ने एक फिर से 15 सितम्बर तक पुल का निर्माण कार्य पूर्ण होने का आश्वासन दिया है। पुल के निरीक्षण के दौरान लोनिवि के अधिशासी अभियंता इन्द्रजीत बोस ने बताया कि विजयनगर पुल का रिवाइजड प्राक्कलन सात फरवरी को शासन में भेजा था, जिसके बाद मार्च से विभिन्न अन्तराल में धन उपलब्ध हुआ है। पुल का सिविल कार्य लगभग समाप्त हो चुका है। वर्तमान मे इरेक्शन का कार्य प्रगति पर है। इसमंे मेन वायर रस्सी से जोडने का कार्य किया जा रहा है। ट्राली के सम्बन्ध में बताया कि नियमित ट्राॅली संचालन के लिए आॅपरेटर, पीआरडी जवान व लाइव जैकेट पहनाने-उतारने के लिए आदमी हमेशा मौजूद रहते हंै।

विजयनगर पुल का कार्य कर रहे ठेकेदार के प्रतिनिधि नवीन कन्सवाल द्वारा बताया गया कि वर्तमान में 22 लेबर कार्यरत है। जो कार्य रात्रि में संभव होंगे, उन्हें रात्रि मे भी किया जाएगा, जिससे जल्द से जल्द पुल का कार्य पूरा किया जा सके। वहीं दूसरी ओर जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने उमरानारायण मंदिर, शंकराचार्य अस्पताल का भी निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने नगरपालिका को उमरानारायण मन्दिर प्रांगण की फर्श में पानी का जमाव होने की शिकायत व ऊपर नीचे पाये जाने पर प्रांगण को समतल करने, जगह-जगह पर प्लास्टर खुरदुरा पाये जाने पर फिनिशिंग ठीक प्रकार से करने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने शंकराचार्य अस्पताल कोटेश्वर के ऊपर के मार्ग की जांच भी की। नगरपालिका के प्रभारी ईओ संजय द्वारा बताया गया कि कार्य की लागत लगभग 5 लाख 19 हजार है व अभी कार्य का भुगतान नहीं किया गया है। मौके पर जांच के दौरान जिलाधिकारी द्वारा सीसी खण्डजा मार्ग को तोडाकर जांच की गई। जांच में पाया गया कि एस्टीमेट के अनुरूप 10 सेमी की टाॅप लेयर सीमेंट, रेत इत्यादि होनी चाहिए थी, जबकि मात्र 5 सेमी की टाॅप लेयर पायी गई। इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी द्वारा पुनः 5 सेमी के अनुरूप एस्टीमेट बनाकर ही भुगतान करने के निर्देश दिए। कहा कि जिस जेई द्वारा यह कार्य कराया गया था उसे प्रतिकूल प्रविष्ट के साथ ही हटाने के लिए आगे लिखा जाए।

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