होनहार एथलीट गरिमा को बंगलुरु में वाहन ने टक्कर मारी, हालत गंभीर, होनहार बेटी गरिमा के इलाज के लिए गरीब पिता को मदद की दरकार
देहरादून । बंगलूरू में बीते 27 मई को इंटरनेशनल एसोसिएट ऑफ एथलेटिक्स फेडरेशन की ओर से आयोजित 10 किमी हाफ मैराथन में छठा स्थान प्राप्त करने वाली एसएसजे परिसर अल्मोड़ा की बीए द्वितीय सेमेस्टर की छात्रा और होनहार एथलीट गरिमा जोशी बंगलूरू में प्रैक्टिस से लौटते वक्त एक वाहन की टक्कर से गंभीर रूप से घायल हो गईं हैं। गरिमा की रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर है और बंगलूरू के अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। घटना की जानकारी मिलने के बाद उनके पिता बंगलूरू पहुंच गए हैं।
गरिमा के पिता ने बताया कि हाफ मेराथन के बाद वह बंगलूरू के मनेपाल में 15 दिन का प्रशिक्षण ले रही थी। तीन दिन पहले मैदान से बाहर निकलते वक्त किसी वाहन ने उसे टक्कर मार दी। टक्कर मारने वाले वाहन के बारे में भी कुछ पता नहीं लगा। उसे बेहोशी की हालत में वहां कस्तूरबा गांधी मेडिकल कालेज मनेपाल में भर्ती कराया गया। कोच ने गरिमा के पिता पूरन चंद्र जोशी को हादसे की सूचना दी। जानकारी मिलने के बाद पूरन चंद्र जोशी शनिवार को बंगलूरू पहुंच गए।
होनहार बेटी गरिमा के इलाज के लिए गरीब पिता को मदद की दरकार
बेटी गरिमा के इलाज के लिए गरीब पिता पूरन चंद्र जोशी ने बंगलूरू से फोन पर यह जानकारी दी। उनके अनुसार डॉक्टरों ने बताया है कि अगले छह माह तक के इलाज के बाद ही उसके स्वास्थ्य के बारे में कुछ कहा जा सकेगा। गरिमा बीपीएल परिवार से है। उसके पिता पूरन चंद्र तिवारी बेरोजगार हैं और किसी तरह परिवार का गुजारा करते हैं। पिता ने बताया कि बंगलूरू के अस्पताल ने शुरू में ही सवा लाख रुपये जमा करने को कहा है और आगे भी काफी पैसा खर्च होने का अंदेशा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से गरिमा के इलाज के लिए मदद करने की गुहार की है। जिले के रानीखेत तहसील की चिलियानौला निवासी पूरन चंद्र जोशी की बेटी गरिमा का बंगलूरू में 27 मई को हुई हाफ मैराथन के लिए चयन हुआ था और इस अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में उन्होंने छठा स्थान प्राप्त किया। गरिमा बहुत अच्छी एथलीट है और बीते 13 अप्रैल को देहरादून में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से भी मिली थी।