पुलिस की साइबर सेल की मदद से पीड़ितों को मिले पैंसे वापस..
नागजगई निवासी अनिल तिवारी के खाते से उड़े 40 हजार..
जखोली निवासी बुजुर्ग व्यक्ति पर लगा पचास हजार का चूना..
पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए चालीस हजार के साथ ही बुजुर्ग व्यक्ति के 39 हजार कराये खाते में वापस..
रुद्रप्रयाग: रुद्रप्रयाग पुलिस की साइबर सेल ने जिले में दो अलग-अलग मामलों में तत्काल कार्रवाई करते हुए पीड़ितों को राहत दिलाई। साथ ही पुलिस ने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि फोन पर आये ओटीपी की जानकारी किसी को नहीं देनी चाहिए। सजग रहते हुए डिजिटल से संबंधित कार्य करें। किसी भी तरह का लालच मुश्किलें पैदा कर सकता है।
बता दें कि गुप्तकाशी थाना क्षेत्र के नागजगई निवासी अनिल तिवारी को एक अनजान नम्बर से फोन आया और उनसे बिजनेस की बाते करते-करते बैंक डिटेल के साथ ही ओटीपी मांगकर खाते से शीघ्र 40 हजार रुपये की निकासी कर दी। जब तक वह कुछ समझ पाते सामने वाले का फोन बन्द हो गया। परेशान होकर पीड़ित ने शीघ्र नजदीकी पुलिस थाने गुप्तकाशी पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज कराई। थाने से शिकायत साइबर सेल पुलिस कार्यालय रुद्रप्रयाग को भेजी गई।
जहां पर साइबर सेल में नियुक्त टीम ने तत्काल अपने स्तर से जरूरी पत्राचार शुरू किया। जानकारी मिली कि गेटवे, वॉलेट आदि की जानकारी कर पैसों को फ्रीज करा दिया गया है। पुलिस के काफी प्रयासों के बाद पीड़ित को चालीस हजार रुपये खाते में वापस आ गए। वहीं जखोली निवासी बुजुर्ग व्यक्ति गंगाराम भट्ट को उनके नजदीकी गांव का परिचित बताते हुए उनकी अज्ञानता का फायदा उठाकर पूरी तरह से विश्वास एवं झांसे में लेकर कई बार ओटीपी पूछकर अलग-अलग किश्तों में करीब 89 हजार रुपये खाते से निकाले गए। खाते से कटौती संबंधी संदेश आने पर उनके द्वारा अपने बेटे को बताया गया। जिस पर इनके बेटे द्वारा ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई गई।
छः जनवरी को मिली शिकायत पर साइबर सेल की टीम ने जरूरी पत्राचार किया। पाया कि यह धनराशि अलग-अलग किश्तों में विभिन्न गेटवे, वॉलेट में भेजी गई थी। पुलिस के स्तर से की गई कार्रवाई का फायदा रहा कि उनके 39 हजार खाते में वापस आ गए। इधर, जिले की पुलिस साइबर सेल द्वारा दो अलग-अलग मामलों में साइबर ठगी के शिकार हुए लोगों को क्रमशः 40 हजार और 39 हजार रुपये वापस दिलाए गए। पीड़ित लोगों ने पुलिस का आभार जताया।
पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने लोगों से अपील की कि किसी भी अनजान नम्बर की कॉल न उठाएं और किसी भी प्रकार के पैसों की मांग करने वालों को बिल्कुल भी पैंसे ना दें।
यदि कोई रिश्तेदार होगा तो उसके बारे में आपको अच्छी जानकारी होगी। उन्होंने बताया कि किसी भी प्रकार की बिजनेस डील आदि फोन पर न करें। किसी तरह ठगी का शिकार होने पर शीघ्र नजदीकी पुलिस साइबर सेल में रिपोर्ट करें। रिपोर्ट 20-30 मिनट के अंदर हो तो मामला ट्रेस करने की प्रबल संभावना है। अन्यथा पैंसे मिलने की संभावना बहुत कम रहती हैं।