रेल बजट से उत्तराखंड को मिलेंगे 4,641 करोड़..
49 किमी रेलवे ट्रैक पर मिलेगा कवच..
उत्तराखंड: इस बार देश के रेल बजट से उत्तराखंड को 4,641 करोड़ रुपये मिलने की संभवना हैं। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य को मिले बजट की जानकारी दी। उनका कहना हैं कि देश में 15,000 किलोमीटर रेलवे ट्रैक को सुरक्षा मिलेगी, जिसमें उत्तराखंड का 49 किलोमीटर भी शामिल है। बजट से कई परियोजनाओं को गति मिलेगी।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पीआईबी देहरादून में आयोजित वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए रेल बजट की जानकारी दी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार जताते हुए कहा कि इस बार बजट में रेलवे को 2,52,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। 2025-26 के बजट में उत्तराखंड को विभिन्न रेल परियोजनाओं के लिए 4,641 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इस बजट से उत्तराखंड में रेल नेटवर्क मजबूत होगा। उत्तराखंड को हरियाणा (3,416 करोड़), हिमाचल (2,716 करोड़), दिल्ली (2,593 करोड़) से ज्यादा बजट मिला है।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग का 49 फीसदी काम पूरा
वैष्णव ने चारधाम के लिए केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की जानकारी देते हुए कहा कि 125 किलोमीटर की इस परियोजना का 49 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। इसकी कुल लागत 24,659 करोड़ रुपये है। उनका कहना हैं कि राज्य में 27.5 किलोमीटर देवबंद-रुड़की रेल लाइन का 96 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, जिसकी कुल लागत 1,053 करोड़ रुपये है। 63 किलोमीटर लंबी किच्छा-खटीमा रेल लाइन परियोजना 228 करोड़ रुपये की लागत से बनेगी।
11 स्टेशनों को बनाया जा रहा अमृत स्टेशन
रेल मंत्री का कहना हैं कि 2014 से 2025 तक 69 किलोमीटर नई रेल पटरियां बिछाई गई हैं। इस दौरान 303 किलोमीटर रेल लाइनों का विद्युतीकरण किया गया है। 2009-14 के बीच यह आंकड़ा शून्य था। आज प्रदेश की हर रेल लाइन विद्युतीकृत है। वर्तमान में प्रदेश में 216 किलोमीटर की तीन रेल परियोजनाओं (रेलवे ट्रैक) पर काम चल रहा है, जिसकी लागत 25,941 करोड़ रुपये है। देहरादून, हरिद्वार जंक्शन, हर्रावाला, काशीपुर जंक्शन, काठगोदाम, किच्छा, कोटद्वार, लाल कुआं जंक्शन, रामनगर, रुड़की और टनकपुर समेत 11 स्टेशनों को 147 करोड़ रुपये की लागत से अमृत स्टेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है।
उत्तराखंड में भी रेलवे को मिलेगा कवच
सुरक्षा के मद्देनजर रेलवे में कवच सिस्टम पर तेजी से काम चल रहा है। 15 हजार किलोमीटर रेलवे ट्रैक को कवच से कवर किया जाना है। कवच में 12 हजार लोगों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। देश में एक साथ 10 हजार कोचों पर कवच का अभियान चल रहा है। उत्तराखंड में 49 किलोमीटर रूट के लिए कवच सिस्टम की संस्तुति की गई है। यात्रियों के लिए स्टेशनों पर छह लिफ्ट और 14 एस्केलेटर बनाए गए हैं। 31 स्टेशनों पर यात्रियों के लिए वाईफाई की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा राज्य में दो वंदे भारत ट्रेनें सफलतापूर्वक सेवाएं दे रही हैं।
