उत्तराखंड

वाइन पर्यटन के लिए तैयार होगा उत्तराखंड..

वाइन पर्यटन के लिए तैयार होगा उत्तराखंड..

कोटद्वार में लगी पहली यूनिट से एक हजार पेटी तैयार..

 

 

 

उत्तराखंड: वाइन पर्यटन की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। इसके लिए आबकारी विभाग स्थानीय फलों से वाइन का उत्पादन बढ़ाने पर काम कर रहा है। शुरुआत कोटद्वार से हुई है, जहां दो महीने पहले शुरू हुई वाइन यूनिट से लगभग एक हजार पेटी वाइन का उत्पादन हो चुका है। विभाग का कहना है कि जल्द बागेश्वर और चंपावत में भी वाइन उत्पादन शुरू होने वाला है। जहां वाइन उत्पादन की नई यूनिट स्थापित करने का काम चल रहा है। सरकार की कोशिश है कि आबकारी नीति का पालन इस प्रकार हो कि राजस्व बढ़ने के साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ें, इसके तहत वाइन पर्यटन को बढ़ावा देने की योजना है। इस योजना के तहत विभिन्न पहाड़ी आंचल में वाइन उत्पादन की छोटी और मध्यम यूनिट खोलने को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि वहां स्थानीय फलों के जरिए वाइन का उत्पादन होने से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और व्यवसाय के अवसर बढ़ें। वाइन उत्पादन की फैक्ट्रियां स्थापित होने से पहाड़ी फलों की खेती बढ़ने के साथ किसानों को भी फलों की अच्छी कीमत मिलेगी।

ऐसा होता है वाइन पर्यटन

बता दे कि वाइन के शौकीन पर्यटकों को वाइन उत्पादन वाली यूनिट या उसके परिसर में घूमने का अवसर दिया जाता है। जहां वाइन का इतिहास, बनाने का तरीका और अलग-अलग तरह की वाइन चखने का मौका दिया जाता है। उन्हीं यूनिट के आसपास गेस्ट हाउस भी विकसित होते हैं। कई देशों में वाइन पर्यटन खासा चर्चित है। विभाग का कहना है कि आने वाले समय में उत्तराखंड वाइन पर्यटन के लिए भी जाना जाए। जिससे निवेश, रोजगार और पर्यटन बढ़ेगा। राज्य में माल्टा, सेब, बुरांश के फूल, नाशपाती, गलगल आदि फल बहुतायत में होते हैं, जिनके इस्तेमाल से वाइन उत्पादन के जरिए पर्यटन को आकर्षित किया जा सकता है। इस उद्देश्य से कोटद्वार में दो महीने पहले आबकारी विभाग के अनुमोदन से निजी वाइन यूनिट लगी है जिससे लगातार उत्पादन हो रहा है। अभी तक करीब एक हजार पेटियों का उत्पादन हो चुका है। इसके बाद बागेश्वर और चंपावत में भी नया प्लांट खोलने की तैयारी है।

 

 

 

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