दो एसआईआर फॉर्म भरने पर हो सकती है सजा, प्रदेश में कई मतदाता गांव और शहर दोनों जगह दर्ज..
उत्तराखंड: उत्तराखंड में मतदाता सूची से जुड़े मामलों को लेकर प्रशासन ने बड़ा स्पष्ट संदेश दिया है। यदि किसी व्यक्ति का नाम दो अलग-अलग स्थानों पर मतदाता सूची में पाया जाता है या वह दो जगह से एसआईआर फॉर्म भरता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। यह प्रावधान सीधे तौर पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 में मौजूद है, जिसके तहत मिथ्या सूचना देने या दोहरी प्रविष्टि छिपाने पर सजा और जुर्माने का प्रावधान है। राज्य में बड़ी संख्या में ऐसे मतदाता हैं, जिनके वोट गांव की मतदाता सूची में भी शामिल हैं और शहर में भी। अक्सर देखा गया है कि लोग नौकरी, पढ़ाई या अन्य कारणों से दूसरे शहर में रहने लगते हैं, लेकिन पुराने स्थान की वोटर लिस्ट में से नाम हटवाना भूल जाते हैं। अब एसआईआर की प्रक्रिया शुरू होने के बाद अगर ऐसे मतदाता दोनों स्थानों से फॉर्म भरते हैं, तो यह कानून का उल्लंघन माना जाएगा।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा-31 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति मतदाता सूची के संबंध में गलत जानकारी देता है या यह छुपाता है कि उसका नाम पहले से किसी अन्य मतदाता सूची में शामिल है, तो उसे एक साल तक की सजा और जुर्माना दोनों हो सकते हैं। यही नहीं, यदि व्यक्ति दो जगह से एसआईआर फॉर्म भरता है तो भी उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। चुनाव आयोग ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि मतदाता सूची का शुद्धिकरण अत्यंत आवश्यक है, इसलिए किसी प्रकार की गलत सूचना या दोहरी प्रविष्टि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रशासन का कहना है कि मतदाताओं को स्वयं भी जिम्मेदारी दिखाते हुए यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका नाम केवल उस स्थान की मतदाता सूची में शामिल हो, जहां वे वास्तव में रहते हैं।
यदि किसी का नाम दो जगह दर्ज है, तो उसे तुरंत एक स्थान से नाम हटवाने की प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए। इससे चुनाव प्रणाली की पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनी रहती है। बता दे कि चुनाव आयोग समय-समय पर मतदाता सूची के शुद्धिकरण के लिए एसआईआर और अन्य प्रक्रियाएं चलाता रहता है, ताकि फर्जी वोटिंग, दोहरी प्रविष्टि और गलत जानकारी देने की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके। यह नया सख्त रुख चुनाव प्रक्रिया को और मजबूत और विश्वसनीय बनाने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है। इस कार्रवाई से बचने के लिए किसी एक जगह से मतदाता सूची से नाम हटवाना होगा। इसके लिए चुनाव आयोग की वेबसाइट पर वोट डिलीट कराने का विकल्प मौजूद है। आप सीधे वेबसाइट पर जाकर फॉर्म-7 भरकर ऑनलाइन सबमिट करा सकते हैं। प्रक्रिया पूरी होने के बाद उनका नाम उस विधानसभा से हटा दिया जाएगा। चूंकि उत्तराखंड में अभी एसआईआर की घोषणा नहीं हुई, इसलिए फिलहाल ये काम कराया जा सकता है।