मलबा आने से ट्राली का संचालन हुआ ठप , स्कूली छात्रों और ग्रामीणों की आवाजाही प्रभावित
रुद्रप्रयाग। मन्दाकिनी नदी के पार पहने वाली जनता की मुसीबतें बढ़ती ही जा रही हैं। बरसात में जहां सड़क मार्ग कई जगहों पर बाधित हो रहा है वहीं नदी पार करने के लिए एक मात्र सहारा ट्राॅली भी अब मुसीबत बनने लगी है। गुरूवार सुबह मलबा आने से चार घण्टे तक ट्राॅली नहीं चल पाई। इससे सुबह नदी पार के ग्रामीणों के कई आवश्यक कार्य अटक गये। वहीं कई बच्चे आज स्कूल नहीं आ पाये। जबकि कई ग्रामीणों को बाजार आने के लिए कई किमी का चक्कर लगाना पड़ा।
आपदा के पांच साल गुजरने के बाद भी विजयनगर में पैदल पुल का निर्माण न होने से तीन दर्जन से अधिक गांव के ग्रामीणों को नदी पार करने के लिए बरसात के समय ट्राॅली ही एक मात्र सहारा बनी हुई हैं। लेकिन आज उसी ट्राॅली ने ग्रामीणों का सुबह ही धोखा दे दिया। बुधवार रात से हो रही लगातार बारिस ने मन्दाकिनी नदी के पार के ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ा दी। सुबह ग्रामीण दूध एवं सब्जी बेचने के लिए अगस्त्यमुनि आने के लिए ट्राॅली के पास पहुंचे। इसी बीच कुछ स्कूली बच्चे भी पहुंच गये। टाॅली एक दो चक्कर ही लगा पाई थी कि अचानक बन्द हो गई। भारी बारिस के कारण नदी पार की पहाड़ी से लगातार भूस्खलन हो रहा था। इसका मलबा ट्राॅली के रूकने के स्थान पर आ गया। जिसके कारण ट्राॅली की गरारी में मलबा फंसने लगा। ऐसे में ट्राॅली का संचालन नहीं हो पाया। देर तक ट्राॅली का संचालन न होने से कई ग्रामीण एवं बच्चे अपने घरों को वापस चले गये।
जबकि कई ग्रामीण लम्बी दूरी तय कर जवाहरनगर एवं सिल्ली के रास्ते अपने गन्तव्य तक पहुंचे। आखिर चार घण्टे की मशक्कत के बाद ट्राॅली के संचालक एवं ग्रामीणों को मलबा हटाने में सफलता मिली। उसके बाद ट्राॅली का संचालन शुरू हो पाया।