उत्तराखंड

कारगिल युद्ध में रुद्रप्रयाग के तीन लाल हुये थे शहीद

कारगिल युद्ध में रुद्रप्रयाग के तीन लाल हुये थे शहीद , शहीदों के परिजनों को किया गया सम्मानित

रुद्रप्रयाग। कारगिल युद्ध में शहीद हुये सैनिकों के परिजनों को शौर्य दिवस के अवसर पर प्रशासन की ओर से सम्मानित किया गया। जिला कार्यालय में झण्डा रोहण करते हुये जिलाधिकारी मंगेश घिल्उियाल ने कहा कि भारतीय सेना के जवानो ने अपनी प्राणों की बाजी लगाकर देश के प्रति अपने प्राण न्योछावर कर दिए। हमे भी इन वीर शहीदो से सीख लेने होगी कि हमें भी अपने कर्तव्यो के प्रति निष्ठावान होना पडे़गा। यही हमारी वीर सपूतों के प्रति सच्ची श्रद्धाजंलि होगी।

राजकीय इंटर काॅलेज रुद्रप्रयाग में हुये कार्यक्रम में विधायक रुद्रप्रयाग भरत सिंह चौधरी ने कहा कि गढवाल राइफल के सैनिको ने कारगिल युद्व में अदम्य साहस का परिचय देकर देश की सुरक्षा की। इसके साथ ही आज भी भारतीय सेना सीमाओं में अपनी सेवा देकर देश की रक्षा कर रही है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए सहायक जिला सैनिक कल्याण एवं पुर्नवास अधिकारी रवीन्द्र सिंह रावत ने कहा कि 26 जुलाई 1999 के दिन कारगिल युद्ध की विजय पर शहीदों के सम्मान में शौर्य दिवस मनाया जाता हैं। अपना जीवन बलिदान देने वालों में 75 वीर सैनिक उत्तराखण्ड के थे, जिनमें से 3 शहीद सैनिक जनपद रुद्रप्रयाग के भी थे। कार्यक्रम में कारगिल शहीद रा. मैन भगवान सिंह की पत्नी सुन्दरी देवी, शहीद नायक गोविन्द सिंह की पत्नी उमा देवी उपस्थित थी, लेकिन स्वास्थ्य खराब होने के कारण नायक सुनील दत्त के परिजन उपस्थित नहीं हो पाए।

शौर्य दिवस के उपलक्ष्य में 24 जुलाई को आयोजित निबन्ध एवं चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को स्मृति चिन्ह भेंट व कार्यक्रम में देशभक्ति की प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय व तृतीय व सांत्वना स्थान प्राप्त करने वाले बच्चों को सम्मानित किया। वहीं कार्यक्रम के बाद आर्मी कैम्पस में शहीदों की याद में फलदार वृक्षों का भी रोपण किया गया।

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