उत्तराखंड

आईटीबीपी के जवानों ने सुरंग में सरिया काटकर बनाया रास्ता..

आईटीबीपी के जवानों ने सुरंग में सरिया काटकर बनाया रास्ता..

उत्तराखंड: चमोली जिले के रैणी गांव में आई आपदा में 206 लोग लापता हुए हैं, जिसमे से सुरंग में फंसे हुए करीब 35 मजदूरों को निकालने की कार्यविधि आज तीसरे दिन भी जारी है। जिसमें छह लोग घायल हुए हैं। और अभी तक कुल 12 लोगों को सुरक्षित बचाया गया है। यह रिपोर्ट राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र द्वारा मंगलवार को जारी की गई है। तपोवन जल विद्युत परियोजना की सुरंग में 35 मजदूर और तीन इंजीनियर फंसे हैं। बचाव दल का सबसे अधिक फोकस इसी सुरंग से मलबा हटाने पर है, लेकिन पानी और मलबा अधिक होने के कारण रेस्क्यू में परेशानी हो रही है।

 

सूचना विभाग से मिली जानकारी के अनुसार आपदा में आज मंगलवार को प्रभावित क्षेत्र से दो शव और बरामद हुए हैं। जिससे अब मृतकों की संख्या 28 हो गई है। अभी भी 178 लोग लापता हैं। सोमवार रात में कुछ मिनटों के लिए भी राहत बचाव कार्य नहीं रोका गया। साथ ही मंगलवार काे तीसरे दिन के राहत बचाव कार्य के लिए एमआई 17 एनडीआरएफ के जवानों को लेकर देहरादून से जोशीमठ के लिए रवाना हुआ है।डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को तपोवन और ग्लेशियर क्षेत्र में ले जाने के लिए एक एएलएच भी रवाना हुआ है।

 

आईटीबीपी, एसडीआरएफ, सेना, जिला प्रशासन की टीम आपरेशन में जुटी हैं। सोमवार रातभर चले ऑपरेशन में सुरंग से 130 मीटर तक ही मलबा हटाया जा चुका है। मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आपदा प्रभावित क्षेत्र का एरियल सर्वे किया। जिसके बाद मुख्यमंत्री प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर पहुंचे। उन्होंने वहां की व्यवस्थाओं और हालात का जायजा लिया। आपको बता दें कि चमोली जिले के रैणी गांव में ग्लेशियर टूटने से रविवार को जल प्रलय आ गई थी। जिसने भयंकर तबाही मचाई और 2013 की केदारनाथ आपदा के जख्म ताजा कर दिए हैं।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top