उत्तराखंड

केदारनाथ हेली सेवा पर सख्त मॉनिटरिंग, चारधाम यात्रा के दूसरे चरण में एएसआई-डीजीसीए की पैनी नजर..

केदारनाथ हेली सेवा पर सख्त मॉनिटरिंग, चारधाम यात्रा के दूसरे चरण में एएसआई-डीजीसीए की पैनी नजर..

 

 

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दूसरे चरण में केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवा का संचालन इस बार भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई), डीजीसीए और उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) की सख्त निगरानी में किया जा रहा है। केदारघाटी में मौसम खराब होने की स्थिति में हेलिकॉप्टर को शटल सेवा की अनुमति नहीं दी जा रही है। प्रशासन का कहना है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि है और किसी भी तरह का जोखिम नहीं उठाया जाएगा। केदारनाथ यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर टिकटों की मांग लगातार बढ़ रही है। स्थिति यह है कि 9 अक्टूबर तक की हेली टिकट बुकिंग पूरी तरह फुल हो चुकी है। फिलहाल गुप्तकाशी, फाटा और सिरसी से छह हेली कंपनियों के सात हेलिकॉप्टर प्रतिदिन यात्रियों को केदारनाथ धाम पहुंचा रहे हैं। आपको बता दे कि चारधाम यात्रा के पहले चरण में मई और जून माह में उत्तरकाशी और केदारनाथ में हेलिकॉप्टर दुर्घटनाएं हुई थीं। इसी कारण इस बार हेली सेवाओं की शटल पर विशेष सख्ती बरती जा रही है।

चारधाम यात्रा के दूसरे चरण में केदारनाथ धाम की हेली सेवाओं पर एएसआई, डीजीसीए और यूकाडा की विशेष निगरानी रखी जा रही है। हर उड़ान पर इन एजेंसियों की नजर है। साथ ही मौसम विभाग की ओर से केदारघाटी में मौसम संबंधी अपडेट लगातार दिया जा रहा है, ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। दूसरे चरण में हेलिकॉप्टर की शटल सेवाएं प्रति घंटा के हिसाब से निर्धारित की गई हैं। वहीं, हेली किराए में भी 45 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की गई है। दो मई से शुरू हुई केदारनाथ यात्रा के पहले चरण में हेलिकॉप्टर सेवाओं के जरिए 56,044 यात्री धाम पहुंचे। हालांकि खराब मौसम और अन्य कारणों से 13 हजार से अधिक टिकट रद्द भी किए गए। मई और जून माह में उत्तरकाशी व केदारनाथ में हेलिकॉप्टर दुर्घटनाओं के बाद प्रशासन पूरी सतर्कता बरत रहा है। किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो, इसके लिए हर उड़ान की मॉनिटरिंग की जा रही है।

 

 

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