उत्तराखंड

एसडीएम ने दहेज में मांगे तीस लाख रुपये, मुकदमा दर्ज..

एसडीएम ने दहेज में मांगे तीस लाख रुपये, मुकदमा दर्ज..

देश-विदेश: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में तैनात एसडीएम के खिलाफ रुद्रपुर में दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज किया गया है। एसडीएम की रुद्रपुर निवासी पत्नी ने मामले में अदालत में प्रार्थनापत्र दिया था। कोर्ट के आदेश के बाद कोतवाली पुलिस ने एसडीएम समेत सात लोगों पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

जानकारी के अनुसार रुद्रपुर की ग्रामसभा कीरतपुर के गांव दानपुर निवासी रिंकी ने अदालत को बताया था कि उनकी शादी वर्ष 2018 में यूपी के देवरिया निवासी अरुण कुमार गौड़ के साथ हुयी थी।बताया कि अरुण बलरामपुर (यूपी) की उकरौनी तहसील में एसडीएम पद पर तैनात हैं। रिंकी के अनुसार शादी के बाद वह पति के साथ उकरौनी चली गयीं। कुछ दिन बाद दोनों गोवा घूमने गये, वहीं पति ने दहेज में तीस लाख रुपये की मांग की।

 

 

मना करने पर दुर्व्यवहार किया। बताया कि छह माह बाद वह ससुराल लौटीं तो ससुरालियों को जानकारी दी। लेकिन ससुरालियों ने भी उनके साथ मारपीट की। आरोप है कि सात अप्रैल 2020 को पति और सुसराल वालों ने शादी में मिले जेवर जब्त कर मारपीट कर घर से निकाल दिया। कोतवाली में दर्ज मुकदमे में विवाहिता रिंकी पुत्री मायाशंकर निवासी ग्राम कीतरपुर रुद्रपुर ने कहा है कि उसका विवाह ग्राम मूडाडीह थाना देवरिया यूपी निवासी अरुण कुमार गौड़ के साथ 15 दिसंबर 2018 को हुआ था। अरुण वर्तमान में उत्तरौला जिला बलरामपुर में एसडीएम पद पर तैनात हैं।

पति की मांग पर पिता ने दान में 30 लाख रुपये, जेवरात, कार और अन्य सामान दिया। आरोप है कि शादी के बाद दंपती गोवा गए तो पति ने मारपीट कर दोबारा 30 लाख रुपये की मांग कर दी। आरोप है कि ससुर रामचंद्र, जेठ दिलीप कुमार, अजय कुमार, जेठानी मंजू देवी, रंजीता देवी, ननद शशी प्रभा ने भी मारपीट कर दहेज की मांग की।

 

 

सात अप्रैल 2020 को पति ने उसे और परिवारवालों को झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देते हुए रसोइए के साथ आपत्तिजनक हरकतें करने का दबाव बनाया। पूरे मामले के फोटो भी खींच लिए और घर से निकाल दिया। पति और ससुरालियों ने उसे रस्सी से बांधकर जलाने की कोशिश भी की थी। बताया कि पति के साथ तैनात स्टाफ ने रिंकी की जान बचाई।

जबरन तलाकनामे पर दस्तखत कराने की कोशिश की..

नौ अप्रैल को पति अपने चालक, दो सिपाहियों, चपरासी के साथ रिंकी को पिता के घर लेकर आया और जबरन तलाकनामे पर दस्तखत कराने की कोशिश की थी। आरोप है कि पति ने लाइसेंसी रिवाल्वर निकालकर धमकाने के साथ जबरन गाड़ी में खींचकर ले जाने की कोशिश की थी।

शोर सुनकर भाई और भाभी ने वहां पहुंचकर उसे बचाया था। पति पद का दुरुपयोग कर उसका दहेज के लिए उत्पीड़न करता है और क्रूरतापूर्वक व्यवहार करता है। पिछले साल भी उसके साथ मारपीट की गई थी। इसके बाद 19 नवंबर 2019 को उसने बलरामपुर के जिला अस्पताल में मेडिकल कराया था।

 

 

रिंकी का कहना है कि जानमाल का खतरा बना हुआ है। कोतवाल एनएन पंत ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर सात आरोपियों पर धारा 498 ए, 323, 504,506 और दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 की धारा तीन और चार के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच बाजार चौकी इंचार्ज प्रदीप पंत को सौंपी गई है।

एसएसपी से भी लगायी थी गुहार..

रिंकी ने ऊधमसिंह नगर जिला पुलिस पर मदद नहीं करने का आरोप लगाया। कहा कि पति के घर से निकाले जाने पर वह मायके पहुंची। बताया कि मारपीट में वह बुरी तरह चोटिल थी।

 

 

इलाज के बाद 13 जुलाई 2020 को संबंधित चौकी में शिकायती पत्र दिया गया था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होने पर 15 जुलाई को एसएसपी को भी शिकायती पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई गई थी।

बावजूद इसके कोई इंसाफ नहीं मिलने पर वह न्यायालय की शरण ली गई। अदालत में पेश की गयी मेडिकल रिपोर्ट, सीटी स्कैन रिपोर्ट में भी रिंकी को गंभीर चोटें लगी होने की पुष्टि हुयी।

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