देहरादून एयरपोर्ट पर हड़कंप, IndiGo की 13 उड़ानें रद्द, यात्रियों में गुस्सा फूटा..
उत्तराखंड: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो इन दिनों गंभीर परिचालन समस्याओं का सामना कर रही है। पिछले चार दिनों से देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट से कई उड़ानों में देरी हो रही है या उन्हें अचानक रद्द कर दिया जा रहा है। शुक्रवार, 5 दिसंबर को स्थिति और गंभीर हो गई, जब एयरलाइन ने जौलीग्रांट से अपनी 13 उड़ानें रद्द कर दीं। रद्द उड़ानों में दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता और मुंबई जैसे प्रमुख शहरों की फ्लाइट भी शामिल थीं। अचानक हुई रद्दियों से एयरपोर्ट पर यात्रियों की लंबी कतारें लग गईं। कई यात्री गुस्से और परेशानी में एयरलाइन से स्पष्टीकरण मांगते नजर आए। एयरपोर्ट टर्मिनल पर पूरे दिन अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। जौलीग्रांट एयरपोर्ट के डायरेक्टर भूपेश नेगी ने कहा कि इंडिगो ने शुक्रवार को देहरादून से अपनी सभी उड़ानें रद्द कर दीं। प्रभावित यात्रियों की सहायता के लिए एयरलाइन ने हवाई अड्डे पर विशेष हेल्प डेस्क स्थापित किया, जहां एयरपोर्ट अथॉरिटी और इंडिगो के स्टाफ ने मिलकर लगभग 100 यात्रियों को मदद दी।
स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, इंडिगो की परिचालन समस्याओं का मुख्य कारण क्रू की उपलब्धता और नए DGCA नियमों के तहत फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट (FDTL) नियमों का पालन है। इस नियम के लागू होने से पायलट और एयर होस्टेस के ड्यूटी घंटे सीमित हो गए हैं, जिससे कई उड़ानों के संचालन में व्यवधान पैदा हो रहा है। पिछले चार दिनों से जारी इस स्थिति ने यात्रियों में नाराजगी और असंतोष बढ़ा दिया है। एयरलाइन ने यात्रियों से अपील की है कि वे उड़ानों की स्थिति और अपडेट के लिए लगातार संपर्क बनाए रखें। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में भी इस समस्या का असर देहरादून और अन्य प्रमुख हवाई अड्डों पर दिखाई दे सकता है, जब तक एयरलाइन परिचालन व्यवस्था को स्थिर नहीं करती।
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो इन दिनों अपने इतिहास के सबसे बड़े परिचालन संकट का सामना कर रही है। बीते कुछ दिनों में एयरलाइन ने केवल एक ही दिन में 500 से अधिक उड़ानें रद्द कर दी हैं, जिससे देशभर में हजारों यात्री प्रभावित हुए। इस समस्या ने न केवल यात्रियों में नाराजगी पैदा की, बल्कि हवाई परिवहन के परिचालन तंत्र पर भी गंभीर प्रभाव डाला। इस स्थिति को देखते हुए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने तुरंत हस्तक्षेप किया और अपने पुराने आदेशों को वापस ले लिया। DGCA ने आदेश में स्पष्ट किया है कि अब साप्ताहिक निर्धारित आराम (Weekly Off) के स्थान पर कोई अन्य छुट्टी स्वीकार नहीं की जाएगी, जिससे एयरलाइन अपने क्रू और पायलट की उपलब्धता बेहतर तरीके से सुनिश्चित कर सके।
नियामक संस्था ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि एयरलाइनों से लगातार शिकायतें मिल रही थीं और परिचालन स्थिरता बनाए रखने की आवश्यकता थी। DGCA के अनुसार, इस आदेश से इंडिगो को अपने उड़ानों के संचालन को सामान्य पटरी पर लौटाने में मदद मिलेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इंडिगो के परिचालन सुधार के लिए यह कदम बेहद जरूरी था। सरकार भी एयरलाइन के ऑपरेशनल सुधार और यात्रियों को दी जाने वाली सुविधाओं पर करीबी नजर बनाए हुए है, ताकि भविष्य में उड़ानों में व्यवधान की स्थिति को रोका जा सके। इंडिगो के यात्रियों को उम्मीद है कि DGCA के आदेश के बाद जल्द ही उनकी उड़ानें सामान्य हो जाएंगी और एयरलाइन परिचालन में स्थिरता सुनिश्चित कर सकेगी।
सूत्रों के अनुसार, इंडिगो के बेड़े में 400 से अधिक विमान शामिल हैं, और यह एयरलाइन प्रतिदिन 2,300 से अधिक उड़ानें संचालित करती है। इंडिगो अपने यात्रियों को 90 से अधिक घरेलू और 45 से अधिक अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों से जोड़ती है। वर्ष 2024 में एयरलाइन ने अपने बेड़े में 58 नए एयरक्राफ्ट जोड़े, जबकि FY25 के दौरान यह 118 मिलियन से अधिक यात्रियों को सेवा प्रदान कर चुकी है। इंडिगो को हाल ही में 2025 स्काईट्रैक्स वर्ल्ड एयरलाइन अवार्ड्स में ‘भारत और दक्षिण एशिया की सर्वश्रेष्ठ एयरलाइन’ का सम्मान भी मिला। इसके बावजूद, पिछले कुछ दिनों में परिचालन अव्यवस्थाओं के कारण एयरलाइन ने कई उड़ानों को रद्द करना पड़ा, जिससे देशभर के हवाई यात्रियों में नाराजगी और असंतोष बढ़ गया।
इंडिगो जैसी बड़ी और व्यवस्थित एयरलाइन के लिए यह चुनौती असामान्य है, लेकिन इसके लिए क्रू की उपलब्धता और नए DGCA नियमों को प्रमुख कारण माना जा रहा है। एयरलाइन ने प्रभावित यात्रियों की सहायता के लिए हवाई अड्डों पर हेल्प डेस्क स्थापित किए हैं और परिचालन को जल्द सामान्य करने के प्रयास तेज कर दिए हैं। यात्री अब उम्मीद कर रहे हैं कि इंडिगो अपनी परिचालन स्थिरता को बहाल कर विश्वसनीय और समय पर उड़ानों की सेवा फिर से शुरू कर सकेगी, ताकि भारत में एयर ट्रैवल के स्तर और विश्वास को बनाए रखा जा सके।