ब्लाॅक दिवस में नहीं पहुंचे शिकायतकर्ता
तहसील दिवसों, बीडीसी बैठकों और ब्लाॅक दिवस में जनता नहीं दिखा रही रूचि
रुद्रप्रयाग! उपजिलाधिकारी रुद्रप्रयाग की अध्यक्षता में ब्लाॅक अगस्त्यमुनि में ब्लाॅक दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें केवल एक फरियादी ने तीन शिकायतें दर्ज करवाई। जिन्हें एसडीएम ने सम्बन्धित विभाग को जांच कराकर उचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए। फरियादियों के न आने पर एसडीएम सदर ने इसका सदुप्रयोग यात्राकालीन व्यवस्थाओं को दुरस्त करने में किया। उन्होंने सभी विभागों को यात्रा शुरू हाने से पूर्व ही सभी व्यवस्थायें चाक चैबन्द करने के निर्देश दिए। उन्होंने एनएच को यात्रा रूट पर सभी गड्डों को भरने के निर्देश दिए और कहा कि दुर्घटना होने की स्थिति में मुकदमा भी दर्ज होगा। पेयजल एवं जल संस्थान को पेयजल की उपलब्घता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। यातायात व्यवस्था के साथ ही बाजारों में पार्किंग इत्यादि एवं साफ सफाई के लिए सम्बन्धित नगर पंचायतों को कहा गया। जिसका उन्होंने बाद में स्थलीय निरीक्षण भी किया।
सरकार के निर्देशों के तहत माह के दूसरे बुधवार को प्रत्येक ब्लाॅक मुख्यालय पर तहसील दिवस की तरह ही एक शिविर का आयोजन किया जाना है, जिसमें ग्रामीण अपनी शिकायतें दर्ज करायेंगे और सम्बन्धित विभाग के अधिकारी उसका निस्तारण करेंगे। जिसे ब्लाॅक दिवस का नाम दिया गया। लेकिन फरियादियों की उदासीनता के कारण या समुचित प्रचार प्रसार न होने के कारण इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है। ब्लाॅक सभागार अगस्त्यमुनि में सम्पन्न हुए ब्लाॅक दिवस की लाज ग्राम पंचायत कणसिली के प्रधान रघुवीर लाल ने बचाई। उन्होंने उपस्थित होकर गांव की समस्याओं को अधिकारियों के सम्मुख रखा। उन्होंने अन्त्योदय के राशन कार्डों को बढ़ाने की मांग की। अनुसूचित बस्ती के ऊपर सड़क के कारण भूमि धंसाव के साथ ही नहर की मरममत की मांग की। एसडीएम ने सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को जांच कर निस्तारण के निर्देश दिए।
ब्लाॅक दिवस पर फरियादियों की कमी के सम्बन्ध में बताते हुए कणसिली के प्रधान रघुवीर लाल ने बताया कि लगातार हो रहे इन दिवसों से जनता का माह भंग होता जा रहा है। सोमवार को जिलाधिकारी जनता दरबार लगा रहे हैं। मंगलवार को तहसील दिवस तथा अब बुधवार को ब्लाॅक दिवस। जनता कहंा कहां जाय। समस्यओं का समाधान तो हो नही ंपा रहा है। ऐसे में केवल समय एवं धन की बरबरदी ही हो रही है। जिन समस्याओं की बात आज उन्होंने की हैं उन्हें वे विगत दो वर्षों से बीडीसी बैठक के साथ ही अन्य सभी मंचों पर उठा चुके हैं। लेकिन अभी तक निस्तारण नहीं हो पाया। अब ब्लाॅक दिवस में भी देखते हैं समस्या का समाधान होता है या नहीं।