नैनीताल : जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने उधार में दिए 30 हजार रुपये वापस मांगने पर दोस्त की हत्या करने के दो दोषियों को उम्रकैद तथा 35-35 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। हत्या कर साक्ष्य छुपाने पर पांच साल के सश्रम कारावास की सजा भी सुनाई गई है। जुर्माना अदा नहीं करने पर दोषियों को दो साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।
अभियोजन के अनुसार 22 दिसंबर 2015 की रात को वेदप्रकाश जी का बेटा सोनू निवासी बंगाली कॉलोनी, संजीव नगर, लालकुआं स्थित घर नहीं लौटा तो उसके भाई बबलू सागर ने मोबाइल फोन पर कॉल की पर संपर्क नहीं हो सका। सोनू कारोबार के लिए वर्मा कॉलोनी में सुनील के मकान में किराये पर कमरा ले रखा था। इसके चलते बबलू ने मकान मालिक के साथ ही सोनू के दोस्त जितेंद्र से जानकारी ली। मकान मालिक ने उन्हें बताया कि सोनू को संजू उर्फ घोड़ा पुत्र विश्वनाथ उर्फ बंबा, जितेंद्र गंगवार पुत्र हरिद्वारी निवासी बंगाली कॉलोनी व एक नाबालिग के साथ देखा गया था। पुलिस ने दोनों को पकड़ा तो उनकी निशानदेही पर जंगल में सोनू का शव बरामद हो गया। पूछताछ में दोनों ने बताया कि सोनू ने जितेंद्र को कर्ज के तौर पर 30 हजार रुपये दिए थे जिसे वह लौटा नहीं रहा था। रकम लौटने का दबाव बढ़ने पर उसने हत्या की साजिश रच डाली। पुलिस ने सोनू की माता विमलेश की तहरीर पर संजू घोड़ा, जितेंद्र व नाबालिग साथी के खिलाफ धारा-302 व 201 के तहत केस दर्ज कर लिया। हत्याकांड में शामिल तीसरे नाबालिग अभियुक्त को चाइल्ड केयर सेंटर दिल्ली से पकड़ा गया। तत्कालीन कोतवाली प्रभारी विपिन पंत की ओर से मामले में आरोप पत्र दाखिल किया गया जबकि डीजीसी फौजदारी सुशील कुमार शर्मा द्वारा अपराध साबित करने के लिए 13 गवाह पेश किए। पिछले दिनों अदालत ने दोनों को दोषी करार दिया था जबकि शनिवार को सजा सुनाई गई। सजा सुनाने के बाद अभियुक्तों को फिर से जेल भेज दिया गया। उधर तीसरे नाबालिग के खिलाफ वाद किशोर न्याय बोर्ड में चल रहा है।