उत्तराखंड

शराब प्रेमियों को बड़ा झटका, वैट लागू होते ही 15 दिसंबर से बढ़ जाएंगी बोतलों की कीमतें..

शराब प्रेमियों को बड़ा झटका, वैट लागू होते ही 15 दिसंबर से बढ़ जाएंगी बोतलों की कीमतें..

 

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड में शराब पीने वालों को 15 दिसंबर से एक और बड़ा झटका लगने जा रहा है। राज्य सरकार ने आगामी आबकारी नीति 2025-26 में महत्वपूर्ण संशोधन करते हुए शराब पर लगने वाले उत्पाद शुल्क (एक्साइज ड्यूटी) के ऊपर 12 फीसदी वैल्यू एडेड टैक्स (VAT) दोबारा लागू करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय लागू होते ही प्रदेश में शराब की कीमतों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी। शुरुआती अनुमान के अनुसार विभिन्न ब्रांडों की शराब की कीमतें प्रति बोतल 40 से 100 रुपये तक बढ़ सकती हैं, जिससे उपभोक्ताओं की जेब पर सीधा असर पड़ेगा। राज्य सरकार ने यह कदम प्रदेश की राजस्व आय बढ़ाने और व्यवस्थित कर संग्रह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया है। लंबे समय से वैट हटाए जाने के बाद एक्साइज राजस्व में आई गिरावट को लेकर विभागीय स्तर पर चर्चा चल रही थी। नई नीति में वैट को पुनः लागू करके सरकार इस खाई को पाटना चाहती है। आबकारी आयुक्त अनुराधा पाल ने कहा कि शासनादेश जारी होने के बाद संशोधित दरों को पारदर्शी तरीके से लागू करने के लिए एक स्पष्ट टाइमलाइन तय की गई है।

उनका कहना हैं कि शराब विक्रेताओं और विभागीय अधिकारियों की ओर से अनुरोध किया गया था कि नई दरों को लागू करने के लिए उन्हें कम से कम एक सप्ताह का समय दिया जाए। इस अनुरोध को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 15 दिसंबर तक की समय-सीमा निर्धारित की है, जिसके भीतर सभी जिलों में नई दरें लागू कर दी जाएँगी। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि नई कीमतों को लागू करने की प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से होगी, ताकि कहीं भी मूल्य भ्रम या अनियमितता न हो। दुकानों पर स्टॉक अपडेट करने, मूल्य सूची संशोधित करने और बिलिंग सिस्टम में बदलाव के लिए अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं। शराब की कीमतों में बढ़ोतरी ऐसे समय में हो रही है, जब पहले ही महंगाई के कारण उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। दूसरी ओर राज्य सरकार का कहना है कि राजस्व बढ़ाने के लिए यह कदम आवश्यक है, ताकि विकास और लोककल्याणकारी योजनाओं को गति दी जा सके। कीमतें बढ़ने के बाद स्थानीय बाजार, होटल उद्योग और शराब बिक्री पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा।

 

उल्लेखनीय है कि आबकारी विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 की नीति तैयार करते समय एक्साइज ड्यूटी से वैट को हटा दिया था। उस समय विभाग का तर्क था कि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में एक्साइज ड्यूटी पर वैट नहीं लगता, इसलिए उत्तराखंड को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए यह कदम उठाया गया। विभाग का मानना था कि वैट खत्म करने से अवैध शराब तस्करी पर रोक लगेगी और उपभोक्ता अन्य राज्यों से सस्ती शराब लाने के बजाय स्थानीय बाजारों से ही खरीदारी करेंगे। हालांकि इस निर्णय पर राज्य के वित्त विभाग ने कड़ा ऐतराज जताया। वित्त विभाग की आपत्ति थी कि वैट हटाने से राज्य को भारी राजस्व नुकसान होगा, जबकि पहले से ही कई मदों में आय घट रही है। वित्त विभाग की इस आपत्ति के बाद सरकार ने एक्साइज ड्यूटी पर वैट फिर से जोड़ने का फैसला लिया। नई व्यवस्था लागू होने के बाद शराब के दामों में सीधी बढ़ोतरी दिखाई देगी। कंट्री मेड अंग्रेजी शराब के पव्वे पर करीब 10 रुपये, जबकि बोतल पर 40 रुपये तक का इजाफा होगा।

वहीं विदेश से आने वाली प्रीमियम अंग्रेजी शराब की बोतलों के दाम 100 रुपये तक बढ़ने की संभावना है। यह बढ़ोतरी ब्रांड और श्रेणी के अनुसार अलग-अलग होगी। उत्तराखंड में पहले से ही शराब की कीमतें पड़ोसी राज्यों हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की तुलना में अधिक हैं। ऐसे में कीमतों में और बढ़ोतरी उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ डाल सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, नई कीमतें लागू होने के बाद होटल-रेस्टोरेंट कारोबार और पर्यटन सेक्टर पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है, क्योंकि शराब पर्यटन स्थलों पर खर्च का बड़ा हिस्सा होती है। आबकारी विभाग का कहना है कि आदेश जारी होने के बाद संशोधित दरों को पारदर्शी तरीके से लागू करने के लिए पूरी तैयारी की जा रही है, ताकि किसी भी जिले में मूल्य निर्धारण को लेकर भ्रम या गड़बड़ी न हो। विभाग ने दुकानों को नई दरों के अनुरूप स्टॉक और बिलिंग अपडेट करने के निर्देश भी दे दिए हैं। राजस्व बढ़ाने की मजबूरी और उपभोक्ताओं पर बढ़ते बोझ के बीच संतुलन कैसे बनाया जाएगा। यह आने वाले समय में देखना दिलचस्प होगा, लेकिन इतना तय है कि 15 दिसंबर के बाद शराब प्रेमियों को अपनी जेब थोड़ी और ढीली करनी पड़ेगी।

 

 

 

 

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