उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू..
उत्तराखंड: विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया। कोरोना संक्रमित होने के कारण नेता सदन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सदन में मौजूद नहीं रहेंगे। वह वर्चुअली सत्र से जुड़ें हैं। उधर, सत्र की कम अवधि को लेकर कांग्रेस ने आपत्ति उठाते हुए अवधि बढ़ाने की मांग की है। साथ ही किसान आंदोलन, महंगाई, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर विपक्ष की सरकार को घेरने की तैयारी में है। हालांकि, सरकार ने भी विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए रणनीति तय कर ली है। ऐसे में सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं। विधानसभा सत्र के पहले दिन दिवंगत विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के अलावा चार पूर्व विधायकों को श्रद्धांजलि देने के बाद अनुपूरक मांगें पटल पर रखी जाएंगी।
विधानसभा के सोमवार से शुरू होने वाले तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। पहले दिन दिवंगत विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के अलावा चार पूर्व विधायकों को श्रद्धांजलि देने के बाद अनुपूरक मांगें पटल पर रखी जाएंगी। अगले दिन प्रश्नकाल चलेगा और अनुपूरक मांगों पर चर्चा के साथ ही पांच विधेयक प्रस्तुत किए जाएंगे। कोरोना संक्रमित होने के कारण मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सदन में मौजूद नहीं रहेंगे। वह वर्चुअली सत्र से जुड़ सकते हैं।
विधायकों के लिये कोरोना जांच अनिवार्य..
कोरोना संकट के साये में हो रहे शीतकालीन सत्र को लेकर विशेष सावधानी बरती जा रही है। प्रत्येक विधायक के लिए कोरोना टेस्ट अनिवार्य किया गया है और रिपोर्ट निगेटिव होने के बाद ही उन्हें सत्र में प्रवेश की इजाजत होगी। साथ ही सुरक्षित शारीरिक दूरी के हिसाब से विधायकों के बैठने के मद्देनजर सभामंडप का विस्तार दर्शक, पत्रकार व राज्यपाल दीर्घाओं के साथ ही कक्ष संख्या-107 तक किया गया है। विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने जानकारी देते हुये कहा कि अगर कोई विधायक किसी वजह से जांच नहीं करा पाता है तो उसका विधानसभा परिसर में रैपिड एंटीजन टेस्ट कराया जाएगा।