खतरे के बीच भारतीय छात्रों को कैसे निकालेगी मोदी सरकार..
यूक्रेन में घुसेंगे रूस के सैनिक..
देश – विदेश : यूक्रेन में मौजूदा समय में करीब 20 हजार भारतीय रह रहे हैं। इनमें कई पेशेवर कामगार और व्यापारियों के अलावा 18 हजार छात्र शामिल हैं। बीते हफ्तों में कई भारतीय छात्रों ने युद्ध की आशंका को देखते हुए यूक्रेन से बाहर निकलने की इच्छा जताई थी।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के दो राज्यों डोनेत्स्क और लुहांस्क में सेना भेजने का एलान कर दिया है। इस बीच भारत इन खतरों को देखते हुए यूक्रेन से अपने नागरिकों को निकालने की योजना तय करने में लगा है। इसके लिए केंद्र सरकार ने यूक्रेन में रह रहे अपने लोगों को निकालने के लिए कई एयरलाइन कंपनियों से बातचीत शुरू की है। इस रिपोर्ट में जानते हैं कि यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने के लिए भारत सरकार क्या-क्या तैयारियां कर रही है?
यूक्रेन में फिलहाल कितने भारतीय..
यूक्रेन में मौजूदा समय में करीब 20 हजार भारतीय रह रहे हैं। इनमें कई पेशेवर कामगार और व्यापारियों के अलावा 18 हजार छात्र शामिल हैं। बीते हफ्तों में कई भारतीय छात्रों ने युद्ध की आशंका को देखते हुए यूक्रेन से बाहर निकलने की इच्छा जताई थी। हालांकि, तनाव के चलते यूक्रेन आने-जाने वाली फ्लाइट्स की संख्या पहले ही कम हुई है। इसका असर यह हुआ है कि भारत की फ्लाइट्स या तो लगातार पूरी तरह बुक चल रही हैं या फिर इनका किराया अवहनीय हो गया है।
भारतीयों को निकालने के लिए क्या है मोदी सरकार की योजना..
केंद्र सरकार अब यूक्रेन से भारतीयों को निकालने के लिए खुद एयरलाइन कंपनियों से बात कर रही है। योजना के तहत सरकार विशेष अनुमति के जरिए यूक्रेन तक अतिरिक्त उड़ानें भेजेगी और जो भी लोग यूक्रेन छोड़ना चाहते हैं उन्हें भारत लाने की सुविधा मुहैया कराएगी। इसके लिए भारत के नागरिक उड्डयन विभाग और अलग-अलग एयरलाइंस के बीच बातचीत जारी है कि आखिर कैसे वे फ्लाइट्स की संख्या बढ़ाने के बाद देशवासियों को वापस लाएंगे।
सरकार ने यूक्रेन में फंसे लोगों की मदद के लिए कीव स्थित भारतीय दूतावास में कंट्रोल रूम स्थापित करने का निर्णय लिया है। दूतावास में यह सेवा 24 घंटे मिलेगी। इसके लिए विदेश मंत्रालय ने फोन नंबर भी जारी किए हैं। इससे पहले कीव स्थित भारतीय दूतावास ने यूक्रेन में रह रहे भारतीयों के लिए चेतावनी जारी करते हुए कहा था कि उन्हें यूक्रेन छोड़ने पर विचार करना चाहिए या फिर देश के अंदर ही गैरजरूरी यात्रा से बचना चाहिए। दूतावास ने कहा था कि वह रूस-यूक्रेन तनाव पर नजर रखे हुए है और इसी हिसाब से आगे की तैयारियां जारी हैं।