उत्तराखंड

युवा शक्ति के सहारे विश्वशक्ति बनने की तैयार भारत

नई दिल्ली। कभी देश पर बोझ मानी जाने वाली बड़ी जनसंख्या भारत के लिए उम्मीद की नई किरण बन गई है। लगभग 83 करोड़ से अधिक की 35 साल से कम आयु वाली आबादी के सहारे भारत दुनिया में आर्थिक विकास की धुरी बनने की तैयारी में है। विश्व शक्ति बनने के लिए जनसंख्या का जो अनुकुल अनुपात भारत के पास है, दुनिया के किसी भी देश में नहीं है। युवाओं की इस बड़ी आबादी को हुनरमंद बनाकर आर्थिक मोर्चे पर चीन को भी आसानी से फतह किया जा सकता है।

भारत की औसत आयु 27 फीसदी, चीन की औसत आयु 37 साल

पिछले तीन दशक में जिस युवा शक्ति के सहारे चीन आर्थिक महाशक्ति बनने में सफल रहा, वह युवा शक्ति अब भारत के पास है। भारत की औसत आयु 27 फीसदी है, जबकि चीन की औसत आयु अब 37 साल हो चुकी है। यानी काम करने वाली आबादी के मामले में भारत अव्वल है। भारत दुनिया में अकेला ऐसा देश है, जिसकी आधी आबादी 25 साल से कम उम्र की है। यानी अगले चार दशक तक भारत में कामकाजी जनसंख्या की कोई कमी नहीं होने वाली है।

मोदी सरकार ने पहली बार मिशन के रूप में की शुरूआत

वैसे युवाओं की इस बड़ी आबादी को देश के आर्थिक विकास के लिए बड़ी पूंजी के रूप में तब्दील करने की कवायद कई सालों से चल रही थी और युवाओं को प्रशिक्षित कर हुनरमंद बनाने की कई योजनाएं शुरू भी की गई। लेकिन मोदी सरकार ने पहली बार इसे काम को मिशन के रूप में शुरू किया और 2014 में ही इसके लिए अलग से कौशल विकास मंत्रालय बना दिया। बड़ी संख्या में युवाओं को उद्योगों की जरूरत के मुताबिक प्रशिक्षण दिया जाने लगा।

पिछले तीन सालों में कौशल विकास मंत्रालय देश के हजारों स्कूलों के साथ अनुबंध करने में सफल रही है, जिसके तहत 10वी, 11वीं और 12वीं के छात्रों को विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। यहां प्रशिक्षित युवाओं को नौकरी देने के लिए स्थानीय उद्योगों और व्यापारिक संस्थाओं को इससे जोड़ दिया गया है। कौशल विकास मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार इसके तहत हर साल पांच लाख छात्रों को प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिनमें 80 फीसदी से अधिक को नौकरी पाने में सफल हो रहे हैं। सरकार की कोशिश 2018 में रोजगार की इच्छा रखने वाले सभी युवाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें उपयुक्त रोजगार मुहैया कराने की है।

कौशल विकास ने खोले रोजगार के नए अवसर

कौशल विकास ने युवाओं को देश में ही नहीं, बल्कि दूसरे देशों में रोजगार के नए अवसर का दरवाजा खोल दिया है। अभी तक चोरी-छिपे अवैध तरीके से छोटे-छोटे काम के लिए विदेश जाने वाले युवाओं के लिए प्रशिक्षित होकर विदेश में नौकरी पाने का अवसर है। इसके तहत पिछले महीने जापान के साथ भारत ने एक समझौता किया है, जिसके तहत हर साल लाखों युवाओं को जापान प्रशिक्षण दिया जाएगा और वहीं उन्हें रोजगार भी दिया जाएगा। भारत सरकार दुनिया के अन्य विकसित देशों के साथ, जहां युवा कामगारों की कमी है, ऐसे ही समझौते का प्रयास कर रही है।

बड़े बाजार के साथ-साथ प्रशिक्षित और हुनरमंद युवाओं की उपलब्धता देश में विदेशी कंपनियों के निवेश के लिए बड़ा आकर्षण भी साबित हो रहा है। यही कारण है कि अब कंपनियां सिर्फ भारत में बेचने के लिए यहां उत्पादन इकाइयां स्थापित नहीं कर रही है। बल्कि वैश्विक बाजार में बेचने के लिए भी भारत में बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू कर रही हैं। कार निर्माण उद्योग इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।

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