देश/ विदेश

मानव अंगों का अवैध कारोबार 170 करोड़ डॉलर तक पहुंचा..

मानव अंगों का अवैध कारोबार 170 करोड़ डॉलर तक पहुंचा..

 

देश- विदेश : दिल्ली में किडनी प्रत्यारोपण गिरोह के खुलासे से साबित हो गया है कि देश में मानव अंगों का अवैध कारोबार जारी है। दुनिया में मानव अंगों के अवैध कारोबार को रेड मार्केट के नाम से जानते हैं।
दिल्ली में किडनी प्रत्यारोपण गिरोह के खुलासे से साबित हो गया है कि देश में मानव अंगों का अवैध कारोबार जारी है। दुनिया में मानव अंगों के अवैध कारोबार को रेड मार्केट के नाम से जानते हैं। अमेरिका की सरकारी एजेंसी कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस की रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में मानव अंगों का कारोबार 170 करोड़ डॉलर का है।

इन देशों में ट्रांसप्लांट टूरिज्म अधिक..

काउंसिल ऑफ यूरोप के अनुसार ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जापान, दक्षिण कोरिया, मध्यपूर्व और पश्चिमी यूरोप के देश ट्रांसप्लांट टूरिज्म के सबसे प्रमुख केंद्र हैं। युद्धग्रस्त देशों जैसे ईराक, यमन, सीरिया, इजिप्ट, लेबनान जैसे देशों के लोग रेड मार्केट के जरिए अपना अंग ज्यादा बेचते हैं।

त्तकों की भी तस्करी..

जीएफआई के अनुसार रेड मार्केट में लिवर, किडनी और हृदय के साथ मनुष्यों के उत्तकों, कोशिकाओं और बालों तक की तस्करी बड़े पैमाने पर होती है। दुनियाभर में होने वाले कुल अंग प्रत्यारोपण में से 10 फीसदी रेड मार्केट के जरिए होता है।

किडनी की मांग सबसे ज्यादा..

अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार दुनियाभर में होने वाले किडनी प्रत्यारोपण में से 5 से 10 फीसदी प्रत्यारोपण रेड मार्केट से मिलने वाली किडनी से होता है।

अंग प्रत्यारोपण पर्यटन भी मानव अंगों की तस्करी या बिक्री का नया केंद्र बन गया है। इच्छुक व्यक्ति रेड मार्केट का नेटवर्क चलाने वालों के संपर्क में आता है। मरीज की रिपोर्ट उस देश भेजी जाती है जहां कोई व्यक्ति अपना अंग बेचने को तैयार है। इसके बाद रेड मार्केट के संचालक रोगी को उस देश भेजते हैं।

कर्ज चुकाने के लिए बेच दी थी किडनी..

जर्नल ऑफ द अमेरिकल मेडिकल एसोसिएशन में अक्तूबर 2002 में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार चेन्नई में किडनी बेचने वाले 305 लोगों में से 96 फीसदी ने बताया था कि उन्होंने अपना कर्ज अदा करने के लिए अपना अंग बेचा था। उस वक्त एक किडनी महज 70 हजार रुपये में बेची थी।

चीन में कैदियों के अंगों की तस्करी..

काउंसिल ऑफ यूरोप के अनुसार चीन में 2007 में जितने भी प्रत्यारोपण हुए उसमें से 90 फीसदी अंग कैदियों के थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आपत्ति जताई तो 2015 में इस पर रोक लगी।

मानव अंगों की कीमत..

नीदरलैंड के ग्लोबल राइट्स कंपलाइंस (जीआरसी) के अनुसार वैश्विक बाजार में जीवित व्यक्ति की किडनी की कीमत 38 लाख से लेकर 91 लाख रुपये और पैंक्रियाज की कीमत 83 लाख से लेकर 1 करोड़ रुपये आंकी गई है।

 

 

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top