आयुष्मान योजना पर सख्ती, मरीज रेफर किया तो बतानी होगी ठोस वजह, स्वास्थ्य मंत्री ने दिए कड़े निर्देश..
उत्तराखंड: उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना की समीक्षा बैठक में व्यवस्था को और मजबूत बनाने के निर्देश दिए। शनिवार को स्वास्थ्य महानिदेशालय में आयोजित बैठक में उन्होंने स्पष्ट कहा कि सरकारी अस्पताल अब किसी भी मरीज को रेफर करने से पहले ठोस और दर्ज वजह बताएंगे। मंत्री रावत ने कहा कि आयुष्मान योजना जन जीवन से सीधे जुड़ी अत्यंत संवेदनशील योजना है, इसलिए इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को सरकारी सिस्टम की भागीदारी को और मजबूत करने के निर्देश दिए, ताकि अधिक से अधिक लाभार्थियों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।
बैठक में मंत्री ने आयुष्मान भारत और अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना की मौजूदा व्यवस्थाओं पर संतोष जताया, साथ ही यह भी कहा कि राज्य सरकार योजनाओं में आने वाली गैप फंडिंग को व्यवस्थित करने के लिए व्यापक प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि कोई भी पात्र नागरिक आर्थिक तंगी के कारण उपचार से वंचित न रहे। स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल प्रबंधन, तकनीकी टीम और योजना संचालन से जुड़े अधिकारियों को पारदर्शिता, सेवा गुणवत्ता और त्वरित प्रतिक्रिया तंत्र को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को और सुदृढ़ करने के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराती रहेगी। स्वास्थ्य विभाग की यह समीक्षा बैठक आयुष्मान योजना के क्रियान्वयन को तेज़, पारदर्शी और जनहितकारी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
आयुष्मान योजना की समीक्षा के दौरान स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सरकारी अस्पतालों की भूमिका और सेवा गुणवत्ता को लेकर कड़ा रुख अपनाया। मंत्री रावत ने कहा कि आयुष्मान के तहत निःशुल्क उपचार के बावजूद अधिकांश लोग सरकारी अस्पतालों के बजाय निजी संस्थानों में जा रहे हैं, जिससे योजना का खर्च बढ़ रहा है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि लाभार्थी अधिक संख्या में सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में इलाज कराएं, तो इससे योजना पर वित्तीय भार में बड़ी कमी लाई जा सकती है। स्वास्थ्य मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि सरकारी अस्पतालों में उत्कृष्ट सेवाओं का भरोसा आम जनता को दिलाना होगा। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में चिकित्सा विशेषज्ञों से लेकर आवश्यक तकनीकी और सहयोगी स्टाफ तक की पर्याप्त तैनाती कर दी गई है, जिससे सरकारी संस्थान उपचार देने में पूर्ण सक्षम हैं। सरकार का लक्ष्य है कि मरीजों को प्राथमिकता के आधार पर सरकारी अस्पतालों में ही गुणवत्तापूर्ण उपचार मिले, और इस व्यवस्था को किसी भी हाल में प्रभावी बनाना होगा।
मंत्री रावत ने यह भी स्पष्ट किया कि अब किसी भी मरीज को सरकारी अस्पताल से रेफर करने के लिए डॉक्टर को ठोस वजह दर्ज करनी होगी। जरूरत पड़ने पर हर मामले में अधिकारी और चिकित्सक की जिम्मेदारी तय की जाएगी। मंत्री रावत ने अधिकारियों से कहा कि सरकारी अस्पतालों के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ाना स्वास्थ्य विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने जोर दिया कि उपचार में गुणवत्ता, मशीनरी की उपलब्धता, स्टाफ की तैनाती और त्वरित सेवा इन सभी मोर्चों पर सुधार को अनिवार्य रूप से लागू किया जाए। सरकार का कहना है कि इन कदमों से आयुष्मान योजना का लाभ और अधिक प्रभावी होगा, साथ ही सरकारी स्वास्थ्य संरचना भी मजबूत होगी।