उत्तराखंड

उत्तरकाशी आपदा- धराली गांव में स्वास्थ्य सेवाएं अलर्ट मोड पर, डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द..

उत्तरकाशी आपदा- धराली गांव में स्वास्थ्य सेवाएं अलर्ट मोड पर, डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द..

एम्स-गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में आरक्षित बेड..

 

 

उत्तराखंड: उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में आई भयानक आपदा के बाद स्वास्थ्य विभाग ने त्वरित कदम उठाते हुए चिकित्सा सेवाओं को पूरी तरह अलर्ट मोड पर कर दिया है। विभाग ने सभी डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं और एक विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम को तत्काल प्रभावित क्षेत्र के लिए रवाना कर दिया गया है। आपदा में कई लोगों के घायल होने की सूचना है, जिनके बेहतर इलाज के लिए देहरादून स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज और एम्स ऋषिकेश में विशेष रूप से बेड आरक्षित किए गए हैं।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार घायलों को हेली एंबुलेंस और अन्य माध्यमों से गंभीर अवस्था में तत्काल उच्च चिकित्सा केंद्रों तक पहुंचाया जा रहा है। विभाग ने स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों को भी आवश्यक दवाओं और उपकरणों से लैस कर दिया है। क्षेत्र में मेडिकल इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम सक्रिय कर दी गई है, जो लगातार घायलों की मदद में जुटी हुई है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो क्षेत्र में चिकित्सा सहायता को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरती जा रही है। आपदा प्रबंधन टीमों के साथ समन्वय बनाकर स्वास्थ्य विभाग राहत और बचाव कार्यों में भी योगदान दे रहा है। प्रशासन का कहना है कि जरूरत पड़ने पर और मेडिकल टीमें क्षेत्र में भेजी जाएंगी।

उत्तरकाशी में आई भीषण आपदा के बाद प्रदेश का स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह अलर्ट मोड पर आ गया है। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने आपदा की गंभीरता को देखते हुए विशेषज्ञ चिकित्सकों की एक टीम तत्काल प्रभावित क्षेत्र के लिए रवाना की है। इस टीम में सर्जन, निश्चेतक, फिजिशियन और आर्थोपेडिक सर्जन शामिल हैं। आपदा से निपटने के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। स्वास्थ्य निदेशक गढ़वाल को इस पूरी प्रक्रिया का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। सचिव स्वास्थ्य ने जानकारी दी कि राज्य के सभी प्रमुख चिकित्सालयों को निर्देश दिए गए हैं कि गंभीर रूप से घायल मरीजों के इलाज के लिए बेड आरक्षित रखें। साथ ही सभी चिकित्सा अधिकारियों और कर्मचारियों के अवकाश तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए गए हैं। यह व्यवस्था तब तक जारी रहेगी जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते।

उपचार सेवाओं की व्यवस्था के लिए अस्पतालों में दवाओं, सर्जिकल सामग्री और चिकित्सा उपकरणों की कोई कमी न रहे, यह सुनिश्चित किया गया है। 108 एंबुलेंस सेवा को हाई अलर्ट पर रखा गया है। उत्तरकाशी जिले में चौबीस घंटे कार्यरत आपात नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जहां से सभी गतिविधियों पर निगरानी रखी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग और आपदा प्रबंधन टीमें मिलकर राहत कार्यों को गति देने में जुटी हैं। शासन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी घायल व्यक्ति को समय पर उपचार मिलने में कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आपदा से हुए जान-माल के नुकसान पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार आपदा प्रभावित लोगों की हरसंभव सहायता के लिए प्रतिबद्ध है और स्वास्थ्य विभाग को तत्परता से राहत कार्यों में जुटने के निर्देश दिए गए हैं। मंत्री ने जानकारी दी कि उत्तरकाशी, टिहरी और देहरादून के जिला अस्पतालों के साथ-साथ दून मेडिकल कॉलेज और एम्स ऋषिकेश में घायलों के इलाज के लिए बेड आरक्षित कर दिए गए हैं। सभी अस्पतालों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए गए हैं।

 

 

 

 

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